प्रमुख सचिव ने जीआइ सर्वे का पकड़ा झूठ, कंपनी के अफसरों को जमकर फटकार लगाई
तीन दिनों के बनारस प्रवास के दौरान प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज कुमार समस्याओं की तह में जितना गए एक से बढ़कर एक कारस्तानी सामने आई।
वाराणसी, जेएनएन। तीन दिनों के बनारस प्रवास के दौरान प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज कुमार समस्याओं की तह में जितना गए, एक से बढ़कर एक कारस्तानी सामने आई। आखिरी दिन गुरुवार को उन्होंने नगर निगम के कर विभाग की बैठक ली। इस दौरान जीआइ सर्वे कर रही कंपनी से व्यावसायिक भवनों के बाबत पूछा। कहा कि सबसे बड़ा कौन सा व्यावसायिक भवन है। इस पर कंपनी के अफसरों ने सारनाथ के एक व्यावसायिक भवन का नाम बताया।
बैठक से निकलते ही उन्होंने सारनाथ जाकर मौका-मुआयना किया। पाया कि कंपनी ने झूठी जानकारी दी है। इस पर उनका पारा चढ़ गया। कंपनी के अफसरों को जमकर फटकार लगाई। कार्य ठीक करने के लिए हिदायत देते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी। प्रमुख सचिव ने नगर निगम के अफसरों से 50 बड़े बकायेदारों की सूची बनाकर उन पर सख्ती करते हुए वसूली करने का आदेश दिया। गृहकर के इजाफा की खातिर व्यावसायिक भवनों का सर्वे कराकर कर के दायरे में लाने के लिए निर्देशित किया। बता दें कि गृहकर को लेकर एक कंपनी की ओर से सेटेलाइट सर्वे कराया जा रहा है। इससे भवन का मूल्यांकन किया जा रहा है। फिर स्व-कर मूल्यांकन के साथ समीक्षा कर संबंधित भवन का गृहकर निर्धारित किया जा रहा है।
खास ठेकेदारों संग कराई बैठक प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज कुमार ने गुरुवार की सुबह सर्किट हाउस में सीवर समस्या का हल निकालने के लिए जलकल विभाग के ठेकेदारों के साथ बैठक की। इसमें जलकल के अफसरों ने चतुराई भरा कार्य किया। उन्हीं ठेकेदारों को बुलाया जो उनके खास हैं। इस बैठक में उन ठेकेदारों को नहीं बुलाया जिनका भुगतान बकाया था, जिसकी मांग करने पर अफसरों ने उनको ब्लैक लिस्ट कर दिया। अफसरों ने ठेकेदारों को जो समझाया था उसी अनुसार उन्होंने प्रमुख सचिव के समक्ष अपनी बात रखी जिसमें कार्रवाई के दायरे में आए ठेकेदारों के खिलाफ जमकर गलत बयानबाजी की गई।