जानिए क्यों उबला जौनपुर, अब तक 58 नामजद व 100 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज, 35 गिरफ्तार
जौनपुर की घटना को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लेते हुए आरोपितों पर रासुका लगाने के साथ ही पीड़ितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से दस लाख 26 हजार 450 रुपये देने का आदेश दिया है।
जौनपुर, जेएनएन। जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के भदेठी गांव में मंगलवार की देर रात बच्चों के विवाद में वर्ग विशेष के लोगों द्वारा मारपीट व पीड़ितों का घर फूंकने की घटना को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता से लेते हुए आरोपितों पर रासुका लगाने के साथ ही पीड़ितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से दस लाख 26 हजार 450 रुपये देने का आदेश दिया है। साथ ही समाज कल्याण विभाग से भी पीड़ितों को बतौर मदद एक लाख रुपये की सहायता राशि देने का निर्देश दिया। इसके अलावा उन्हें मुख्यमंत्री अावास योजना के तहत घर भी मिलेगा। घटना में लापरवाही बरतने वाले थानाध्यक्ष पर भी विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। घटना को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा कड़ा रुख अख्तियार करने से पुलिस महकमे में भी हड़कंप है।
58 नामजद व 100 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज, 35 गिरफ्तार
पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने कहा कि थानाध्यक्ष के खिलाफ अभी जांच की जा रही है। कार्रवाई को लेकर जल्द ही सूचना दी जाएगी। बच्चों के विवाद में बड़ों के कूदने से मामला बिगड़ गया था। इससे दस घर व उसमें रखे सामान जलकर राख हो गए वहीं तीन बकरियों की झुलसकर मौत हो गई। इस मामले को पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठे। भदेठी गांव में दो वर्गों के बच्चों के बीच हुए विवाद को लेकर मंगलवार की रात अनुसूचित जाति बस्ती पर हमलाकर पिटाई, तोडफ़ोड़ व आगजनी के मामले में 58 नामजद व 100 अज्ञात आरोपितों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। इसके साथ ही 35 आरोपितों को गिरफ्तार कर चालान कर दिया है। घटना को लेकर तनाव के चलते गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। बुधवार को दोपहर में पहुंचे वाराणसी मंडल के आयुक्त दीपक अग्रवाल व आइजी विजय सिंह मीणा ने स्थिति का जायजा लिया था। उन्होंने पीडि़तों को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने व क्षतिपूर्ति का आश्वासन दिया। वहीं पुलिस कार्रवाई से डरे-सहमे वर्ग विशेष के अधिकतर पुरुष सदस्य गांव से पलायन कर गए हैं।
ये है पूरा मामला
बीते मंगलवार की शाम उक्त गांव का शहबाज (13) बाग में आम तोड़ने गया था। तालाब के पास बकरियां चरा रहे अनुसूचित जाति बस्ती के बच्चों से किसी बात को लेकर उसका विवाद हो गया। शहबाज ने घर जाकर स्वजनों को जानकारी दी। पूछताछ करने के दौरान उसके स्वजनों व अनुसूचित जाति बस्ती के लोगों में मारपीट हो गई। इसमें नबील, फ्लावर, लारेब व हबीब जख्मी हो गए। प्रधान पति आफताब उर्फ हिटलर ने समझा-बुझाकर मामला शांत करा दिया। आरोप है कि इसके बाद रात करीब साढ़े आठ बजे वर्ग विशेष के सैकड़ों लोग लाठी-डंडे से लैस होकर अनुसूचित जाति बस्ती पर धावा बोल दिए। जो मिला उसे पीटा और तोडफ़ोड़ की। रवि, पवन, अतुल आदि घायल हो गए। इस दौरान आगजनी में नंदलाल, नेबूलाल, फिरतू, राजाराम, जितेंद्र, सेवालाल सहित बस्ती के एक दर्जन से अधिक लोगों के मड़हे व घर जल गए। कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। आग की चपेट में आने से तीन बकरियां व एक भैंस जिंदा जल गईं।
जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार के भारी पुलिस बल के साथ रात में पहुंचने पर हिंसक भीड़ पर काबू पाया जा सका। दूसरे वर्ग के लोगों का आरोप है कि उपद्रव के दौरान अनुसूचित बस्ती के लोगों ने खुद अपने घरों में आग लगाई। तहरीर के आधार पर 58 नामजद व 100 से अधिक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने रात में ही दबिश देकर 35 आरोपितों को गिरफ्तार कर ली है। मेडिकल मुआयना कराने के बाद पुलिस ने चालान कर दिया। अन्य आरोपितों की तलाश में पुलिस संभावित स्थानों पर दबिश दे रही है। गांव दूसरे दिन तनावपूर्ण शांति के बीच छावनी में तब्दील है। पीएसी व चार थानों की पुलिस तैनात है।
आइजी विजय सिंह मीणा ने बताया कि बकरी व भैंस चराने को लेकर विवाद गंभीर घटना का कारण बना। एक पक्ष के लोगों ने हमलाकर तोडफ़ोड़ व आगजनी की। 35 आरोपितों को रात में ही गिरफ्तार कर लिया गया है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अब गांव में हालात सामान्य हो गए हैं। जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह का कहना है कि पीडि़त परिवारों को पूरी मदद करने के साथ ही उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाएगी। यह घटना बहुत गंभीर है और जो लोग इसके पीछे जिम्मेदार होंगे, उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत निरुद्ध किया जाएगा।