थिक वेब स्विच तकनीक का कमाल, ट्रैक बदलने से 50 किमी गति पर नहीं प्रभावित होगी ट्रेनों की चाल
ट्रेनों की गति को बढ़ाने के साथ ही भारतीय रेल ने तकनीक के जरिए ट्रेनों का सफर आसान बनाने की दिशा में मजबूत कदम बढ़ाया है।
चंदौली, जेएनएन। ट्रेनों की गति को बढ़ाने के साथ ही भारतीय रेल ने तकनीक के जरिए ट्रेनों का सफर आसान बनाने की दिशा में मजबूत कदम बढ़ाया है। थिक वेब स्विच की मदद से 50 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार में ही ट्रेनें ट्रैक बदल सकेंगी। मेल से लूप लाइन में जाने के लिए ट्रेनों को गति एकदम से कम नहीं करनी होगी। समय की बचत होती तो यात्रियों को इसका लाभ मिलेगा। फिलहाल गया रेल लाइन पर चंदौली, सैयदराजा और डेहरी स्टेशनों के पास स्विच स्थापित करा दिए गए हैं। महकमा आवश्यकता के अनुसार अन्य स्थानों पर भी उपकरण लगवाएगा।
रेल सुरक्षा और संरक्षा की दिशा में तमाम प्रयास करने के बाद रेलवे का अगला मिशन ट्रेनों की गति में इजाफा करना है। पूर्व मध्य रेलवे ने ट्रैक को दुरुस्त कराकर 21 जोड़ी गाडिय़ों की स्पीड 110 से बढ़ाकर 120 किमी प्रतिघंटा तक कर दी है। थिक वेब स्विच इसी अध्याय में नई कड़ी है। इसके जरिए ट्रेनें 50 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार में भी ट्रैक बदल सकेंगी। फिलहाल मुख्य लाइन से लूप लाइन में जाने के लिए ट्रेनों की गति 25 किमी प्रतिघंटा करनी पड़ती है। इस प्रक्रिया में समय लगता है और ट्रेनें विलंबित होती हैं।
इस तरह काम करेगा थिक वेब स्विच
मुगलसराय मंडल अंतर्गत गया रेल लाइन के चंदौली-मझवार में तीन, सैयदराजा में दो डेहरी स्टेशन के पास एक थिक वेब स्विच लगवा दिया गया है। उपकरण मेन लाइन से जुड़े लूप लाइन के पास लगाए गए हैं। अपेक्षाकृत तेज गति में ट्रेन के ट्रैक बदलने में मददगार साबित होंगे। इससे समय की बचत होगी और फायदा यात्रियों को मिलेगा। रेल सेवाओं पर लोगों का भरोसा बढ़ेगा।
- गया रेल रूट पर कुल छह थिक वेब स्विच लगवाए जा चुके हैं। अपेक्षाकृत तेज गति से ट्रेनें ट्रैक बदल सकेंगी। समय की बचत होगी और यात्रियों को लाभ पहुंचेगा। - मो. इकबाल, मंडल परिचालन प्रबंधक।