CBSE 12th Result 2020 Declared : बालिकाओं ने फिर मारी बाजी, ऐसे चेक करें ऑनलाइन रिजल्ट
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) की बारहवीं का परीक्षा सोमवार को घोषित हो गया है। परीक्षार्थी अपना रिजल्ट बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन देख सकते हैं।
वाराणसी, जेएनएन। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई-सेंट्रल बोर्ड आफ सेकेंडरी एजुकेशन) 12वीं की परीक्षा (वर्ष 2020) परिणाम इस बार गत वर्ष की तुलना में काफी बेहतर रहा। 15337 परीक्षार्थियों में से 82.27 परीक्षार्थी परीक्षा में सफल हुए हैं। वहीं इस वर्ष बालिकाओं की लड़कियों की बल्ले-बल्ले रही। इस वर्ष भी बालकों की तुलना में बालिकाएं आगे रहीं। आधी आबादी ने अपना दबदबा कायम रहा। इंटर में 85.68 फीसद छात्राएं व 80.10 फीसद छात्र उत्तीर्ण हुए हैं। जबकि वर्ष 2019 में इंटर का रिजल्ट 73.31 फीसद था। 17489 परीक्षार्थियों में से 78.50 फीसद छात्राएं उत्तीर्ण हुई हैं। वहीं बालकों के उत्तीर्ण का फीसद 68.12 फीसद रहा। इस प्रकार गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष ओवर ऑल 8.96 फीसद रिजल्ट का ग्राफ बढ़ा है। वहीं बलिकाएं गत वर्ष की तुलना में 7.18 फीसद व बालक 11.98 फीसद की बढ़त बनाए हैं। उत्तीर्ण होने के प्रतिशत को देखा जाय तो बालकों ने इस बार लंबी छलांक लगाई। इसके बावजूद वह बालिकाओं से पीछे रह गए। कोविड-19 के प्रकोप से इस बार इंटर में कई पेपर परीक्षा नहीं हो सकी। बोर्ड ने इन पेपरों को परीक्षाओं को औसत मार्क्स दिया है। इसके चलते सीबीएसई ने इस बार टापरों की सूची भी नहीं जारी की है।
12वीं के छात्र-छात्राएं सीबीएसई की ऑफिशल वेबसाइट cbseresults.nic.in पर जाकर अपने परीक्षा परिणाम देख सकेंगे। परीक्षा परिणाम देखने के लिए छात्र-छात्राओं को अपने रोल नंबर की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में रिजल्ट देखने के लिए अपने रोल नंबर को तैयार रखें। वहीं परीक्षा परिणाम को लेकर जनपद के करीब 44000 परीक्षार्थियों का इंतजार अब खत्म हो गया है। परीक्षार्थी अपना रिजल्ट बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन देख सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ बच्चे ऑनलाइन रिजल्ट देखने में जुटे हुए हैं लेकिन नेट की स्पीड धीमी होने से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सीबीएसई ने दिया सरप्राइज
सीबीएसई ने सोमवार की दोपहर 12 बजे अचानक बारहवीं का रिजल्ट जारी कर सबको चौंका दिया। गत वर्ष की भांति इस बार भी सीबीएसई ने परीक्षार्थियों को सरप्राइज दिया। हालांकि सीबीएसई 15 जुलाई से पहले रिजल्ट जारी करने का संकेत दे चुकी है लेकिन परिणाम की तिथि को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई थी।
रिजल्ट को बोझ से दबा सर्वर
बहरहाल परिणाम जारी होते ही सीबीएसई की सर्वर रिजल्ट के बोझ से मानों दब गया। सर्वर डाउन होने के कारण परीक्षार्थियों को वेबसाइट गोल-गोल घुमाने लगा। हालांकि थोड़ी देर में वेबसाइट खुलने लगी। वहीं परीक्षार्थियों का आपस में फोन घनघनाने लगा। एक-दूसरे से रिजल्ट की पुष्टि में लग गए। प्रधानाचार्य से लगायत अध्यापक तक एक-दूसरे से फोन कर रिजल्ट की पुष्टि करने में जुट गए। जैसे उन्हें पता चला कि सीबीएसई ने इंटर परीक्षा के नतीजे भी जारी कर दिए हैं। विद्यालय प्रबंधन ने अपने कर्मचारियों व अध्यापकों को बुला बुलावा लिया और रिजल्ट देखने जुट गए। उधर परीक्षार्थी ही नहीं उनके अभिभावक भी स्मार्ट फोन पर रिजल्ट देखने जुट गए। रिजल्ट देखते ही परीक्षार्थी खुशी से उछल पड़े। परीक्षार्थियों ने स्कीन शॉट लेकर एक-दूसरे को भेजना शुरू कर दिए। एक-दूसरे हो बधाई देने का तांता देरशाम तक जारी रहा।
माता-पिता का लिया आशीर्वाद
रिजल्ट देखने के बाद छात्रों ने अपने माता-पिता का पैर छूकर आशीर्वाद लिया। कोरोना महामारी के चलते इस बार बच्चों को नहीं बुलाया है। इसके चलते स्कूलों में इस बार सन्नाटा पसरा हुआ था। वहीं बहुतायत स्कूलों ने शत प्रतिशत रिजल्ट का दावा किया।
फोन पर लिया गुरुजनों का आशीर्वाद
कोरोना महामारी को इस बार बच्चों ने अपने गुरुजनों का आशीर्वाद फोन पर ही लिया। वहीं अध्यापक ने भी बच्चों को फोन कर उन्हें बधाई दी।
घर पर ही किया ईष्ट देवता को नमन
परीक्षा अच्छा आने के बाद भी इस बार मंदिरों में बच्चों की भीड़ नहीं जुटी। कोविड-19 के प्रकोप के चलते बच्चों घर पर ही अपने ईष्ट देवता को नमन किया।
साइबर कैफे की कमाई पर लगा ब्रेक
स्मार्ट फोन का प्रचलन बढ़ जाने के कारण परीक्षार्थी घर बैठे इंटरनेट रिजल्ट देखने में जुट गए। वह स्क्रीन शॉट लेकर आपस में एक-दूसरे को भेजना शुरू कर दिए। कोविड-19 के प्रकोप के चलते इस बार साइबर कैफे में भी बच्चे नहीं दिखाई दिए। गत वर्ष की तुलना में इस बार ज्यादा बेहतर रहा।
117 दिनों में जारी हुआ रिजल्ट
सीबीएसई की 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू हुई थी। हालांकि परीक्षा की शुरूआत वोकेशनल विषयों हुई थी। दसवीं की परीक्षाएं 20 मार्च को व बारहवीं की परीक्षा 30 मार्च को समाप्त होने वाली थी। वहीं कोरोना महामारी के चलते सीबीएसई ने 19 मार्च से 30 मार्च परीक्षाएं स्थगित कर दी। सीबीएसई से पहली जुलाई से अवशेष परीक्षा कराने का निर्णय लिया था। टाइम टेबल भी जारी कर दिया गया था लेकिन अभिभावकों के विरोध के चलते सीबीएसई को शेष परीक्षाएं कराने का निर्णय भी वापस लेना पड़ा। अंतत: सीबीएसई ने शेष पेपर औसत माक्र्स के आधार पर रिजल्ट जारी करने का निर्णय लिया। इसके चलते इस बार इंटर के परीक्षार्थियों को रिजल्ट के लिए 117 दिन का लंबा इंतजार करना पड़ा। जबकि गत वर्ष सीबीएसई परीक्षा के महज 26 दिनों के भीतर इंटर का परिणाम जारी करने में सफल रहा।
जारी हुआ रिजल्ट, खत्म हुई धुकधुकी
कोविड-19 के प्रकोप के चलते इंटर के इंटर के कई परीक्षार्थियों पूरी परीक्षाएं नहीं हो सकी। 20 फीसद परीक्षाॢथयों का तीन पेपर, 30 फीसद परीक्षाॢथयों का दो पेपर तथा 30 फीसद परीक्षार्थियों का सिर्फ एक पेपर की परीक्षा नहीं हो सकी। ऐसे इस वर्ष कैसा रिजल्ट रहेगा। इसे लेकर परीक्षार्थियों की धुकधुकी बनी हुई थी। हालांकि रिजल्ट जारी होने के बाद रिजल्ट का डर ज्यादातर परीक्षार्थियों के मन से निकल गया। ज्यादातर चेहरे खिले नजर आए। वहीं कुछ के चेहरे लटके हुए थे। जाहिर है उन्हेंं परीक्षा में कामयाबी हासिल नहीं हो सकी। ऐसे विद्यार्थियों के लिए गुरुजनों का कहना है कि उन्हें निराश होने की आवश्यकता नहीं है। सफलता व असफलता जीवन में कोई आगे बढऩे का पैमाना नहीं है। असफलता सिर्फ बोध कराती है कि मेहनत में कहीं न कहीं कोई कमी रह गई है। बस उसे दूर करना होगा।
छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन बीते वर्ष की तुलना में इस बार बेहतर
उत्तर प्रदेश के छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन बीते वर्ष की तुलना में इस बार बेहतर है। सीबीएसई की 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू हुई थी। हालांकि परीक्षा की शुरूआत वोकेशनल विषयों हुई थी। दसवीं की परीक्षाएं 20 मार्च को व बारहवीं की परीक्षा 30 मार्च को समाप्त होने वाली थी। वहीं कोरोना माहामारी के चलते सीबीएसई ने 19 मार्च से 30 मार्च परीक्षाएं स्थगित कर दी। हालांकि हाईस्कूल में जनपद के सभी परीक्षार्थियों की परीक्षाएं हो चुकी थी। इंटर में 20 फीसद परीक्षार्थियों का तीन पेपर, 30 फीसद परीक्षार्थियों का दो पेपर तथा 30 फीसद परीक्षार्थियों का सिर्फ एक पेपर रह गया था।
पहली जुलाई से अवशेष परीक्षा कराना था, विरोध के चलते नहीं हुआ
सीबीएसई ने पहली जुलाई से अवशेष परीक्षा कराने का निर्णय लिया था। टाइम टेबल भी जारी कर दिया गया था लेकिन अभिभावकों के विरोध के चलते सीबीएसई को शेष परीक्षाएं कराने का निर्णय भी वापस लेना पड़ा। अब इन पेपरों में परीक्षार्थियों को प्री-बोर्ड एग्जाम व आंतरिक मूल्यांकन के अंकों के आधार पर मुख्य परीक्षा में औसत अंक दिया जाएगा। ऐसे में इंटर के परीक्षार्थी परीक्षा परिणाम को लेकर ज्यादा ङ्क्षचतित हैं। इस बार कैसा होगा रिजल्ट इसे लेकर तमाम परीक्षार्थी संशकित है।
स्कूलों की संख्या पर एक नजर
- 135 सीबीएसई स्कूल
- 24000 हाईस्कूल में परीक्षार्थी
- 20000 इंटर में परीक्षार्थी
- 44000 कुल परीक्षार्थी