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मऊ में धान के अवशेष जलाने में पांच किसानों के खिलाफ एफआइआर, सैटेलाइट से हो रही निगरानी

एनजीटी के निर्देश पर केंद्र सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए जलाने वालों के विरुद्ध कड़े प्रावधान किए हैं। इसके तहत धान की पराली जलाने के मामले में दोहरीघाट थाने में चार व मधुबन थाना क्षेत्र के एक किसान के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 04:18 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 05:39 PM (IST)
दोहरीघाट थाने में चार व मधुबन थाना क्षेत्र के एक किसान के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है।

मऊ, जेएनएन। बढ़ते प्रदूषण पर रोकथाम के लिए खेतों के फसलों के अवशेष जलाने पर पूर्ण पाबंदी है। एनजीटी के निर्देश पर केंद्र सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए जलाने वालों के विरुद्ध कड़े प्रावधान किए हैं। इसके तहत धान की पराली जलाने के मामले में दोहरीघाट थाने में चार व मधुबन थाना क्षेत्र के एक किसान के विरुद्ध एफआइआर दर्ज किया गया है।

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प्रशासन की तरफ से की गई इस कार्रवाई से किसानों में हडकंप मचा हुआ है। वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इस समस्या कम करने के लिए सरकार द्वारा पराली जलाने पर रोक लगाते हुए कड़े दंड का प्रावधान किया है। इसके बावजूद पराली जलाने से लोग बाज नहीं आ रहे हैं। इस पर तहसील प्रशासन कड़ा रुख अख्तियार करने करते हुए पांच के विरुद्ध संबंधित धारा में नामजद मुकदमा दर्ज कराया है।

तहसील क्षेत्र के तिवारी चक में पराली जलाने पर लेखपाल योगेंद्र यादव ने सद्दोपुर निवासी कौली देवी के विरुद्ध स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। लेखपाल अशोक सिंह ने गौरीडीह निवासी रामसेवक, लेखपाल आशुतोष पांडेय ने गोफा हुड़हरा निवासी ज्ञानमती व राजाराम तथा पतजीवा निवासी राधेश्याम के विरुद्ध दोहरीघाट थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। प्रशासन द्वारा की जा रही कड़ी कार्रवाई से किसानों में हड़कंप मच गया है।


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