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छह दिन से स्वेज नहर में फंसी 1.10 करोड़ की कालीन, भदोही के कारोबारी वा‍णिज्‍य मंत्रालय के संपर्क में

कालीन उद्योग से संकट के बादल छंटने का नाम नहीं ले रहे हैं। वैश्विक महामारी से जूझ रहे उद्योग को राहत मिलने की बजाए मुसीबत से दो चार होना पड़ रहा है। स्वेज नहर में भदोही के एक कालीन निर्यातक की 1.10 करोड़ की कालीन फंसी हुई है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 28 Mar 2021 03:38 PM (IST)Updated: Sun, 28 Mar 2021 03:38 PM (IST)
छह दिन से स्वेज नहर में फंसी 1.10 करोड़ की कालीन, भदोही के कारोबारी वा‍णिज्‍य मंत्रालय के संपर्क में
स्वेज नहर में भदोही के एक कालीन निर्यातक की 1.10 करोड़ की कालीन फंसी हुई है।

भदोही, जेएनएन। कालीन उद्योग से संकट के बादल छंटने का नाम नहीं ले रहे हैं। वैश्विक महामारी से जूझ रहे उद्योग को राहत मिलने की बजाए मुसीबत से दो चार होना पड़ रहा है। स्वेज नहर में भदोही के एक कालीन निर्यातक की 1.10 करोड़ की कालीन फंसी हुई है। वह जर्मनी से मिले आर्डर पर कार्गो कंटेनर शिप से आपूर्ति किए थे। साथ ही कालीन निर्यात संवर्धन परिषद लगातार वाणिज्‍य व अन्‍य मंत्रालय से संपर्क में है। देश के अन्य इलाकों से भी  कालीन फंसने की आशंका जताई जा रही है।

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दुनिया के प्रमुख देशों को आयात व निर्यात के लिए सबसे उपयुक्त रास्ता स्वेज नहर को ही माना जाता है। देश के विभिन्न उत्पादों के साथ- साथ कालीन भी इसी मार्ग से विदेश भेजे जाते हैं। छह दिन पहले 400 मीटर लंबा कार्गो कंटेनर शिप स्वेज नहर में अटक गया था। इसके कारण जलमार्ग जाम हो गया है। दोनो ओर 280 जहाज जहां तहां रोक दिए गए। कुछ जहाजों पर कालीनों के कंटेनर भी हैं। जलमार्ग से आवागमन बहाल होने में अधिक समय लगा तो निर्यातकों को नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। जनपद के प्रमुख कालीन निर्यातक संजय गुप्ता ने बताया कि दो सप्ताह पूर्व जर्मनी के लिए दो कंटेनर में 1.10 करोड का कालीन भेजे थे। उनकी कालीन भी स्वेज नहर के इसी रास्ते में फंसा हुआ है। उनका कहना है कि समय से आयातक के पास माल नहीं पहुंचा तो आर्डर भी रद कर सकता है। कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) के चेयरमैन सिद्धनाथ ङ्क्षसह का कहना है कि मिस्र के आसपास जहाज फंसे हैं। उनमें से कुछ जहाजों में कालीन हो सकता है लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई है। किसी निर्यातक ने भी माल फंसे होने की बात नहीं बताई है। कहा कि वह शिपमेंट एजेंसियों के लगातार संपर्क में हैं। हालात पर नजर बनाए हुए हैं। उम्मीद है जल्द ही आवागमन बहाल हो जाएगा।


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