वाराणसी मंडलीय अस्पताल में कैंसर ओपीडी शुरू, सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक रोजाना मिल रही सुविधा
वाराणसी मंडलीय हास्पिटल में कैंसर ओपीडी की शुरुआत कर प्रदेश सरकार ने बनारस के साथ ही आस-पास के जिलों के मरीजों को बड़ी राहत दी है। यहां चार जनवरी से चल रही ओपीडी में अब तक 300 से अधिक मरीज परामर्श का लाभ उठा चुके हैं।
वाराणसी, जेएनएन। मंडलीय हास्पिटल में कैंसर ओपीडी की शुरुआत कर प्रदेश सरकार ने बनारस के साथ ही आस-पास के जिलों के मरीजों को बड़ी राहत दी है। यहां चार जनवरी से चल रही ओपीडी में अब तक 300 से अधिक मरीज परामर्श का लाभ उठा चुके हैं। हास्पिटल में परामर्श के साथ ही कीमोथेरेपी की भी सुविधा उपलब्ध है।
बीएचयू हास्पिटल सहित महामना मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर व होमी भाभा कैंसर हास्पिटल के चलते बनारस पूर्वांचल सहित बिहार, बंगाल, मध्य प्रदेश आदि के कैंसर मरीजों के लिए बड़ा केंद्र बन चुका है। लाकडाउन के दौरान व उससे बाद दिल्ली-मुंबई जाकर इलाज कराने वालों ने भी यहीं का रुख किया। कैंसर मरीजों के बढ़ते दबाव को देखते हुए पांडेयपुर स्थित ईएसआइसी हास्पिटल ने भी नवंबर 2020 में कैंसर ओपीडी शुरू की। इसी क्रम में मंडलीय अस्पताल में भी कैंसर ओपीडी की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। प्रदेश सरकार की पहल पर पद सृजित कर यहां कैंसर रोग विशेषज्ञ के तौर पर डा. शशि भूषण उपाध्याय की नियुक्ति हुई। दो जनवरी को उन्होंने कार्यभार ग्रहण किया और चार जनवरी को 32 नंबर कमरे में कैंसर ओपीडी की औपाचारिक शुरुआत कर दी गई।
कीमोथेरेपी की है व्यवस्था
डा. शशि भूषण उपाध्याय ने बताया कि अस्पताल में रक्त परीक्षण, एक्स-रे, इंडोस्कोपी (अपर जीआई इंडोस्कोपी) की व्यवस्था है। बाकी जांच के लिए मरीज को बीएचयू भेजा जाता है। कैंसर की पुष्टि होने पर यहां कीमोथेरेपी की जा सकती है। रेडियोथेरेपी की मशीन फिलहाल नहीं है, जल्द ही शासन से इसकी मांग की जाएगी। रेडियोथेरेपी की जरूरत महसूस होने पर मरीज को उच्च संस्थानों में रेफर किया जाएगा।
अब विशेषज्ञ की उपलब्धता
अभी तक कैंसर के नाम पर हमारे यहां के डाक्टर विवश हो जाते थे। मगर अब विशेषज्ञ की उपलब्धता से ऐसा नहीं होगा। इसका फायदा बनारस ही नहीं, पड़ोसी जनपद के मरीजों को भी मिलेगा।
- डा. प्रसन्न कुमार, एसआइसी-मंडलीय हास्पिटल।