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तीन ट्रेन निरस्त और आधा दर्जन का मार्ग परिवर्तन, ढाई हजार यात्रियों ने की यात्रा रद Bhadohi news

तीन ट्रेनों के निरस्तीकरण और आधा दर्जन के दूसरे रेलमार्गों से चलाए जाने के कारण तीन दिन में दो से ढ़ाई हजार यात्री अपनी यात्रा रद कर दिए।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 08 Sep 2019 06:53 PM (IST)Updated: Mon, 09 Sep 2019 04:48 PM (IST)
तीन ट्रेन निरस्त और आधा दर्जन का मार्ग परिवर्तन, ढाई हजार यात्रियों ने की यात्रा रद Bhadohi news
तीन ट्रेन निरस्त और आधा दर्जन का मार्ग परिवर्तन, ढाई हजार यात्रियों ने की यात्रा रद Bhadohi news

भदोही, जेएनएन। तीन ट्रेनों के निरस्तीकरण और आधा दर्जन के दूसरे रेलमार्गों से चलाए जाने के कारण तीन दिन में दो से ढ़ाई हजार यात्री अपनी यात्रा रद कर दिए। इस बीच डेढ़ सौ आरक्षित यात्रियों ने टिकट वापस कर दिए। शेष आरक्षित यात्रियों ने वाराणसी, अथवा जौनपुर जाकर ट्रेन पकड़े। रेलवे को भी तीन दिन में तगड़ी चपत लगी है। साढ़े चार से पांच लाख रुपये प्रति दिन की अर्निंग के सापेक्ष इन दिनों डेढ़ से दो लाख की कमाई हो रही है। 

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लोहता-मंडुआडिह के बीच नई लाइन बिछाने का कार्य इन दिनों प्रगति पर है। इसी को लेकर लोहता में रेल कनेक्टिंग का कार्य किया जा रहा है। इसके चलते छह सितंबर से रेलमार्ग पर चलने वाली तीन ट्रेनों को रद कर दिया गया है जबकि 6 प्रमुख ट्रेनों को परिवर्तित मार्ग से चलाया जा रहा है। पंजाब मेल, अर्चना एक्सप्रेस, गोरखपुर एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेनों में सीटे आरक्षित कराने वाले कुछ यात्री जहां वाराणसी सहित अन्य स्टेशनों से जाकर ट्रेन पकड़ रहे हैं तो काफी संख्या में लोगों ने यात्रा ही रद कर दी। जनरल टिकट पर यात्रा करने वाले दो से ढाई हजार लोगों की यात्रा अब तक प्रभावित हो चुकी है।

रेलवे का हो रहा घाटा

प्रभारी स्टेशन अधीक्षक आलोक कुमार का कहना है कि डाउन बुंदेलखंड से वाराणसी, डीएमयू से इलाहाबाद, इंटरसिटी एक्सप्रेस से लखनऊ, गोरखपुर एक्सप्रेस से मुंबई सहित अन्य ट्रेनों से जनरल टिकट पर यात्रा करने वालों की बड़ी तादाद होती है जो इन दिनों यात्रा से वंचित हो रहे हैं। बताया कि प्रति दिन सात आठ सौ जनरल यात्री निकलते हैं। इसी तरह आरक्षण व जनरल टिकट की मिलाकर चार से पांच लाख अर्निंग होती थी जो घटकर डेढ़ से दो लाख पर आ गई है। 

टैक्सी चालक, दुकानदार परेशान

स्टेशन यात्रियों का आवागमन में भारी कमी होने के कारण टैक्सी चालकों में भी मायूसी है। शुरुआत में एक दो दिन टैक्सी चालकों ने इंतजार किया लेकिन भाड़ा न मिलने से निराश होकर रविवार स्टैंड पर वाहन ही नहीं लगाया। इसी तरह स्टेशन व स्टेशन बाहर स्थित खानपान दुकानदारों के सामने गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है।


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