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मकर संक्रांति तक श्रीराम मंदिर के नींव की तय हो जाएगी डिजाइन, तीन साल में संतोषजनक निर्माण

विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष व श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सचिव चंपत राय ने कहा कि मकर संक्रांति पर श्रीराम मंदिर के नींव की डिजाइन तैयार हो जाएगी जनवरी माह के अंत तक निर्माण शुरू हो जाएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 01 Jan 2021 03:07 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jan 2021 05:43 PM (IST)
मकर संक्रांति तक श्रीराम मंदिर के नींव की तय हो जाएगी डिजाइन, तीन साल में संतोषजनक निर्माण
विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष व श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सचिव चंपत राय

वाराणसी, जेएनएन। विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष व श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सचिव चंपत राय ने कहा कि मकर संक्रांति पर श्रीराम मंदिर के नींव की  डिजाइन तैयार हो जाएगीा। जनवरी माह के अंत तक निर्माण शुरू हो जाएगाा। इस मियाद से आगामी तीन साल के अंदर तक संतोषजनक मंदिर का निर्माण पूर्ण हो जाएगा। मंदिर निर्माण की नींव  की डिजाइन तैयार करने के लिए देश भर के तकनीकी विशेषज्ञ समर्पण भाव से जुटे हुए हैं। अब तक की जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि मंदिर के नीचे की जमीन खोखली है। बोर-बोरी बालू वह मलबा जमा है। पहले से ही कहा जाता है की श्रीराम मंदिर को कई बार तोड़ा गया है। जमीन के नीचे जमा मलवा भी निकाला जा कर रहा है।

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इंग्लिसिया लाइन स्थित विश्व हिंदू परिषद के कार्यालय में शुक्रवार को आयोजित प्रेस वार्ता में चंपत राय ने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए जनसभा सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए कार्यकर्ताओं की टोली बनाई गई है जो लोगों के घरों तक जाएंगी। उनसे मंदिर निर्माण के लिए यथा सामर्थ सहयोग राशि ली जाएगी 400000 गांव वह 4000 वार्डों मैं अभियान चलाकर जन सहयोग राशि दी जाएगी इसके लिए 11 करोड़ परिवारों से संपर्क किया जाएगा। स्पष्ट किया कि दान स्वरूप किसी प्रकार की धातु नहीं ली जाएगी।  श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र की ओर से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पंजाब नेशनल बैंक बैंक ऑफ बड़ौदा के 46000 शाखाओं में खाता खोला गया है जिसमें जन सहयोग राशि जमा की जाएगी। घर-घर संपर्क कर वाली टोलियां अपने नजदीकी बैंक शाखा में धनराशि जमा करेगी। बताया कि मंदिर निर्माण में किसी प्रकार के लोहे का इस्तेमाल नहीं होगा। पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे का इस्तेमाल किया जाएगा। जिसकी खरीद भारत सरकार की कंपनी से तय मानक पर की जाएगी। मंदिर निर्माण में केंद्र व प्रदेश सरकार का ₹1 भी सर्च नहीं हो रहा। भारत सरकार की ओर से सिर्फ एक रुपये की धनराशि दी गई है। जिसे ट्रस्ट निर्माण में खर्च किया गया है। यह धनराशि सुरक्षित तौर पर स्टेट बैंक की शाखा में रखी गई है। चंपत राय ने बताया कि मंदिर मंदिर का प्रारूप थोड़ा बड़ा हुआ है। 360 फीट लंबा होगा 235  चौड़ा होगा शिखर की ऊंचाई 65 फिट होगी। तीन मंजिल का मंदिर बनेगा 400000 घंटों पत्थर लगेगा जमीन से मंदिर के बोतल की ऊंचाई करीब साढ़े 16 फीट होगी 32 सीढ़ियां चढ़कर मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे बुजुर्ग व दिव्यांग के मद्देनजर लिफ्ट एक्सीलेटर 1 रन बनाए जाएंगे। देखने व सुनने में असमर्थ लोगों के लिए भी इंतजाम होगा।


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