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Budget 2021 : पीएम के संसदीय क्षेत्र के कारोबारियों को बजट में आर्थिक संजीवनी की आस

व्यापारियों का मानना है कि पिछले साल बजट के बाद से कोरोना संक्रमण ने क्या छोटा और क्या बड़ा हर व्यापार को चौपट करके रख दिया। लाकडाउन के बाद जो स्थिति बिगड़ी वो आज भी उबर नहीं पाई है। कोरोना काल में पर्यटन इंडस्ट्रीज को सबसे बड़ा धक्का लगा है।

By Abhishek sharmaEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 10:04 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 10:04 AM (IST)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करेंगी।

वाराणसी, जेएनएन। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करेंगी। इसे लेकर शहर के इंड्रस्टलिस्ट और व्यापारियों को काफी उम्मीदें हैं। जिससे उनके सुस्त पड़े व्यवसाय को फिर से रफ्तार मिल सके। व्यापारियों का मानना है कि पिछले साल बजट आने के बाद से कोरोना संक्रमण ने क्या छोटा और क्या बड़ा हर व्यापार को चौपट करके रख दिया। लाकडाउन के बाद जो स्थिति बिगड़ी वो आज भी उबर नहीं पाई है। कोरोना काल में पर्यटन इंडस्ट्रीज को सबसे बड़ा धक्का लगा है। सरकार की तरफ इस इंडस्ट्री को कोई राहत नहीं दी गई है। ऐसे में अगर इस बार का बजट उनके मन मुताबिक नहीं आता है तो किसी भी इंडस्ट्री व व्यापार को धार मिल पाना मुश्किल होगा। ऐसे में इस बार सीता जी से बजट में संजीवनी की उम्मीद हैं।

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जीएसटी के साथ टैक्स हो कम

आने वाले बजट से कोई जीएसटी कम करने की उम्मीद कर रहा है तो कोई टैक्स में छूट चाहता है। साथ ही व्यापार करने में आने वाली तमाम सरकारी गुणा गणित को भी सरल करने की सीतारमण से आस है। शहर के ज्यादातर व्यापारियों को उम्मीद है कि इस बजट में कोरोना के कारण गंभीर रूप से बीमार हो चुके व्यापार को ठीक करने वाली दवा मिलेगी।

बजट पर सबकी निगाह

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब संसद में बजट पेश करेंगी तो बनारस के हर व्यापारी की निगाहें उन्हीं पर टिकी रहेंगी। ऐसा इसलिए कि उन्हें सीता जी से इस बार पिछली बार से भी कहीं ज्यादा उम्मीदे हैं। व्यापारियों का मानना है कि बजट से आम लोगों को राहत मिलनी चाहिए। यदि इनकम टैक्स में लोगों को कुछ छूट को बढ़ा दिया जाए तो छोटे तबकों के लिए राहत की बात होगी। शहर के कपड़ा और किराना व्यवसायियों ने इसमें बदलाव की उम्मीद की है। इसके साथ ही व्यापारियों को जीएसटी में रिबेट मिले।

सुनिये वित्‍त मंत्री जी

-ई-कामर्स कंपनियों से मुकाबले को खुदरा व्यापारी और वितरकों को टैक्स में रियायत चाहिए।

-मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों से यह सुनिश्चित कराया जाए कि जिस रेट पर ई-कामर्स कंपनियों को सामान बेचे उसी दाम से डिस्ट्रीब्यूटर को भी दिया जाए। इससे सरकार को भी जीएसटी में अधिक इजाफा होगा।

-इस बजट में इस बार टैक्स का ऐसा ढांचा होना चाहिए कि ई कामर्स कंपनियों और बड़े आउटलेट के साथ छोटे व्यापारियों को भी व्यवसाय मिले और उनका व्यापार आराम से चलता रहे।

-अप्रैल से 5 करोड़ टर्नओवर के ऊपर से व्यापारियों के बीच बीटूबी के लिए जो ई इनवायस की बाध्यता लागू की गई है। इससे व्यापारियों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इसे व्यवहार संगत बनाना चाहिए जिससे व्यापारियों की मुश्किले कम हो सके।

-सरकार पूरे देश में जीवन रक्षक दवाओं के ऊपर एक ही प्रकार का टैक्स लगाए जिससे छोटे मध्यम नागरिकों को दवाएं खरीदने पर दिक्कतों से निजात मिल सके।

बोले कारोबारी

देशी पर्यटकों को भारत में ही भ्रमण करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा। ऐसे में टैक्स बेनेफिट व अन्य सुविधा देनी चाहिए। बजट में पर्यटन उद्योग पर अलग से ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही पूर्वांचल में पर्यटन विकास को एक स्पेशल पैकेज मिलना चाहिए। - राहुल मेहता, अध्यक्ष, टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन

बजट में इस बार टैक्स का ऐसा ढांचा होना चाहिए कि ई कामर्स कंपनियों और बड़े आउटलेट के साथ छोटे व्यापारियों को भी व्यवसाय मिले और उनका व्यापार आराम से चलता रहे। सरकार पूरे देश में जीवन रक्षक दवाओं के ऊपर एक ही प्रकार का टैक्स लगाए। - प्रेम मिश्रा, महानगर अध्यक्ष, उद्योग व्यापार समिति

कोरोना संक्रमण काल ने उगते हुए उद्योग को डुबो दिया है। पिछले साल उद्योग घरानों के लिए किसी काले साल से कम नहीं रहा। ऐसे में इस बार वित्त मंत्री से उद्योग घरानों को ऐसे संजीवनी की उम्मीद है जिससे इसे फिर से पटरी पर लाया जा सके। - मनीषा जैन, महासचिव, प्रतिनिधि उद्योग व्यापार मण्डल (महिला)

बजट से बीमार बाजार के इलाज की उम्मीद है। उद्योग व व्यापार के लिए जो भी कानून बने, उसका सरलीकरण हो। पहले सरकार की गलत नीतियों और अब कोरोना संक्रमण की वजह से उद्योग घरानों की कमर टूट चुकी है। वित्त मंत्री से इसे पटरी पर लाने की भी उम्मीद है। - डा. संप्रदा गंगवार, प्रदेश सचिव प्रतिनिधि उद्योग व्यापार मंडल

राष्ट्रीय स्तर पर स्माल व लघु उद्योग पर एक समग्र नीति बनाई जाए। यह नीति ऐसी हो जिससे लघु उद्योग व्यापारियों से प्रोत्साहित हो। भेद करने वाली नीति न बने। जब बड़े उद्योग के साथ स्माल व लद्यु उद्योग को भी बिजली सब्सिडी मिले। - प्रतीक गुप्ता, अध्यक्ष-विशेश्वरगंज भैरोनाथ व्यापार मंडल समिति

इस बजट में वित्त मंत्री से मांग हैं कि व्यापारियों को प्रोत्साहित करते हुए मैक्सीमम जीएसटी कलेक्शन वालों को उनके द्वारा जमा राशि पर प्रोत्साहन कमीशन राशि देने का प्रावधान करें। इससे जीएसटी कलेक्शन बुस्टअप होगा। देश निर्माण में सहुलियत होगी। - अलखनाथ गोस्वामी, महामंत्री, विशेश्वरगंज भैरोनाथ व्यापार मंडल समिति


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