प्रवासी भारतीयों को बांट दी 'मीटू' कैंपेन में फंसे पूर्व मंत्री वाली बुकलेट, बनी असहज स्थिति
विदेश मंत्रालय की सामान्य लापरवाही के चलते प्रवासियों के साथ ही केंद्र, यूपी सरकार के मंत्री, अधिकारियों के साथ ही स्थानीय अफसर भी असहज स्थिति में दिखे।
वाराणसी, जेएनएन। विदेश मंत्रालय की लापरवाही के चलते प्रवासियों के साथ ही केंद्र, यूपी सरकार के मंत्री, अधिकारियों के साथ ही स्थानीय अफसर भी असहज स्थिति में दिखे। पूरी दुनिया में महिलाओं के कार्यस्थल पर यौन उत्पीडऩ को लेकर चले कैंपेन 'मीटू' प्रकरण में नाम आने पर इस्तीफा देने को मजबूर होने वाले पूर्व विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर की तस्वीर लगी बुकलेट्स सोमवार को प्रवासियों के बीच बांटी गई। प्रवासी भारतीय सम्मेलन में शिरकत करने पहुंची कुछ महिला प्रवासियों को जानकारी हुई तो उन्होंने विरोध भी जताया लेकिन सम्मेलन की भव्यता को देखते हुए कुछ कहने से इंकार कर दिया यह कहकर कि आयोजन का आनंद उठाने दीजिए। विदेश मंत्रालय की टीम बोलने से इंकार करती रही। उधर, सोशल मीडिया पर भी एमजे अकबर के तस्वीर वाली फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी।
तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे प्रवासियों के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था विदेश मंत्रालय की ओर से टीएफसी, बड़ालालपुर में की गई थी। रजिस्ट्रेशन के बाद प्रवासियों को एक किट दी गई। किट में 'इंडिया डिप्लोमैटिक जर्नी 2014-2018' और इंडिया फस्र्ट के एक पेज पर तो एमजे अकबर को विदेश राज्यमंत्री के तौर पर तस्वीर के साथ दिखाया गया है। बुकलेट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह भी हैं।
बीते वर्ष पूरी दुनिया में चले मीटू कैंपेन में पूर्व विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर का नाम भी उछला था। पंद्रह से अधिक महिलाओं ने एमजे अकबर पर मानसिक और यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाए थे। विपक्ष ने हमला बोला तो पीएम मोदी के हस्तक्षेप पर एमजे अकबर को इस्तीफा देना पड़ा था। 18 अक्टूबर 2018 को प्रधानमंत्री मोदी ने एमजे अकबर का यह इस्तीफा मंज़ूर भी कर लिया था।