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कश्‍मीर में आंतकियों से मोर्चा लेते हुए शहीद हुए मीरजापुर के रवि सिंह का शव आज रात को पहुंचेगा गौरा गांव

बलिदानी रवि सिंह का पार्थिव शरीर आज रात 9 बजे के आसपास बाबतपुर एयरपोर्ट आने की संभावना जतायी जा रही है। उसके बाद सड़क मार्ग से ग्राम गौरा जिगना आएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 19 Aug 2020 10:58 AM (IST)Updated: Wed, 19 Aug 2020 06:40 PM (IST)
कश्‍मीर में आंतकियों से मोर्चा लेते हुए शहीद हुए मीरजापुर के रवि सिंह का शव आज रात को पहुंचेगा गौरा गांव
कश्‍मीर में आंतकियों से मोर्चा लेते हुए शहीद हुए मीरजापुर के रवि सिंह का शव आज रात को पहुंचेगा गौरा गांव

मीरजापुर, जेएनएन। बलिदानी रवि सिंह का पार्थिव शरीर आज रात 9 बजे के आसपास बाबतपुर एयरपोर्ट आने की संभावना जतायी जा रही है। उसके बाद सड़क मार्ग से ग्राम गौरा जिगना आएगा। शाम करीेब छह बजे विमान जम्मू से टेकऑफ कर चुका है, जम्मू से देहरादून जाएगा वहां से फिर वाराणसी आएगा। इस दौरान बाबतपुर शव लेने के लिए जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी पहुंचेंगे। डीएम सुशील पटेल ने बताया कि वह खुद गौरा गांव पहुंच रहे हैं। बलिदानी के सम्मान में जिले के प्रभारी मंत्री दारा सिंह चौहान भी पहुंचेंगे। इस दौरान बलिदानी के परिजनों को वह 50 लाख रुपये की राहत राशि का पत्र देंगे।

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बिंदास अंदाज में जीवन जीते थे बलिदानी रवि सिंह

बलिदानी रवि सिंह की खबर आते ही दोस्तों के चेहरे की खुशी काफूर हो गई। उनको सहसा विश्वास ही नहीं हो रहा था कि हंसता खिलखिलाता सा रवि सिंह आतंकियों से मोर्चा लेते हुए बलिदान हो गया है। बचपन के दोस्त विकास ङ्क्षसह ने पुरानी बातों को याद करते हुए बताया कि बलिदानी रवि सिंह बिंदास जीवन शैली जीते थे, उनके जज्बा व दिलेरी के हम सब मुरीद थे। रवि सिंह जब भी घर आते थे तो दोस्तों के साथ समय अवश्य बिताते थे। तैनाती के बारे में भी अपनी बातें बताते थे।

उन्होंने बताया कि उनमें देश भक्ति का जज्बा कूट-कूट कर भरा था। गांव का हीरा चला गया। विवेक ङ्क्षसह ने कहा कि आज एक भाई खो दिया कि वह देश के लिए देश की सुरक्षा में कुर्बान हो गया जिस पर हमें और पूरे गांव को बड़ा गर्व है। वहीं अनूप ङ्क्षसह ने कहा कि आज का दिन बहुत ही कष्टकारी है। वह हमेशा देश सेवा की ही बात करता था। रवि ङ्क्षसह के बलिदान होने की सूचना पर सहसा विश्वास नहीं हो रहा है। काश वह जिंदा हों हम लोगो के बीच फिर आ जाएं। मित्र शुभम ने कहा कि आज हमने रवि को नहीं, अपने विश्वास को खोया है, उसके देश भक्ति व देश के जज्बे को सलाम। अनुज ने कहा कि हम दोस्तों को घुमने व मौज-मस्ती करने का वह पल खो गया। वह एक ङ्क्षजदा दिल इंसान था। सचिन  का कहना है कि देश भक्ति से भरे बलिदानी रवि दुश्मनों के लिये काल थे, जब भी आपरेशन पर जाते तो जान की परवाह किए बगैर सीमा पर डटे रहते फिर हम लोगों से आपरेशन की बात को साझा करते थे। आदर्श सिंह का कहना है कि गांव के जीवन शैली में पढ़े-बढ़े थे। छुट्टियों में आते तो घर पर कम रह गांव व क्षेत्र की गलियों में मित्रों के साथ घुमा करते थे। अरविंद सिंह ने कहा कि उनमें देश भक्ति का जज्बा काबिलेतारीफ था। परिवार दोस्त व देश यही तीन चीजों के प्रति उनका लगाव बहुत था। शहीद रवि का सपना अपने कर्तव्य को ईमानदारी पूर्वक निभाना व देश की सेवा ही उनका सपना था। वह काफी मेहनतकश इंसान थे। इन्द्रकुमार सिंह बाबा का कहना है कि बलिदानी का सपना देश भक्ति का था। परिवार के रजामंदी के बगैर वह सेना में गए। मिलनसार था। गांव क्षेत्र व जिले को आज उस पर गर्व है। वहीं चाचा प्रीतेश ङ्क्षसह ने कहा कि परिवार व गांव में ऐसा होनहार सपूत ईश्वर करें, सबको दें। आज गांव, क्षेत्र व जिले को उस पर गर्व है।


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