वाराणसी में गंगा में आज से नौका संचालन शुरू, सुरक्षा मानकों की हो रही अनदेखी
जिला प्रशासन द्वारा छूट मिलने के बाद अब गंगा नदी में नौका संचालन का दौर सोमवार की सुबह सात बजे से शुरू हो गया है। गंगा नदी में पर्यटकों को सवारी कराने वाले नौका संचालकों की सक्रियता की वजह से नदी में रौनक शुरू हो गई है।
वाराणसी, जेएनएन। जिला प्रशासन द्वारा छूट मिलने के बाद अब गंगा नदी में नौका संचालन का दौर सोमवार की सुबह सात बजे से शुरू हो गया है। गंगा नदी में पर्यटकों को सवारी कराने वाले नौका संचालकों की सक्रियता की वजह से नदी में रौनक शुरू हो गई है। सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक गंगा नदी में नौका संचालन के लिए छूट मिलने के बाद अब नदी में आस्था की रौनक नजर आने लगी है। हालांकि, मानसून आने के बाद अब गंगा के जलस्तर में बढोतरी होगी और कुछ दिनों बाद पानी बढ़ने की वजह से नौका संचालन पर दोबारा पाबंदी लगा दी जाएगी। बाढ़ उतरने के बाद ही गंगा में दोबारा नौका संचालन को अनुमति मिलेगी।
सोमवार की सुबह गंगा नदी में स्नान ध्यान और बाबा दरबार में हाजिरी लगाने वालों की संख्या काफी रही। अनलाॅक घोषित होने के बाद गंगा नदी के साथ ही बाबा दरबार में भी लोग सोमवार की सुबह दर्शन पूजन के लिए पहुंचे। गंगा तट पर आस्था की लहरें नौका संचालन में छूट के साथ ही लेनी लगी थीं। अब सोमवार से इसे अमलीजामा मिलने के बाद नौका संचालकों में भी उत्साह काफी नजर आया। घाट के ठाठ दोबारा से रौनक जमाने में लग गए हैं। वहीं नौका संचालकों को सुबह सात से शाम सात बजे तक की नौका संचालन की मोहलत प्रदान की गई है। वहीं बादलों की आवजाही की वजह से दोपहर तक आस्थावानों का गंगा की लहरों पर सवारी का क्रम अनवरत बना रहा। दोपहर बाद तक लोगों की आस्था गंगा की लहरों पर परवाज भरती नजर आई। वहीं घाट भी हर हर गंगे और ओम नम: शिवाय के उच्चारण से गूंजते रहे। सुबह गंगा आरती के लिए आने वाले आस्थावानों से घाट गुलजार रहे।
नाविकों को टीकाकरण की अनिवार्यता की बाध्यता सोमवार को नजर नहीं आई। हालांकि, प्रशासन की ओर से नाविकों को टीका लगाने के अभियान की बात कही गई थी। जबकि इस बाबत कोई पहल सोमवार को नजर नहीं आई। लापरवाही का आलम यह रहा कि मानसून की शुरुआत के बाद भी गंगा में ओवरलोड नौकाओं का संचालन जारी रहा। सुरक्षा उपकरणों के बिना नाव की सवारी का क्रम बना रहा। लोगों ने मास्क तक से परहेज रखा। सिर्फ कुछ जागरुक लोग ही मास्क में नजर आए। ऐसे में नौका संचालन को हरी झंडी मिलने के बाद भी सुरक्षा के खिलवाड़ गंगा की लहरों पर जारी रहा।
सजे घाट के कारोबार : गंगा में धार्मिक रीति रिवाजों और परंपराओं के अनुपालन के लिए पंडा समाज भी सुबह से सक्रिय रहा। आस्थावानों के आगमन के साथ ही धार्मिक अनुष्ठान, स्नान दान ध्यान आदि के साथ ही फोटोग्राफी, चाय, गाइड, दुकानें आदि खुलने के साथ ही गंगा तट पर आस्था के साथ आर्थिक कारोबार को भी अनलॉक की वजह से गति मिलने लगी है। वहीं कारोबारियों ने अब आस्था के साथ ही घाट की रौनक लौटने की उम्मीद जताई है। माना जा रहा है कि माह भर में गंगा के जलस्तर में बढोतरी होने के बीच कारोबारी लाभ काफी मिल सकता है। क्योंकि बाढ़ आने के बाद नौका संचालन बंदी के साथ ही अन्य कारोबार भी घाट पर लगभग ठप पड़ जाते हैं।