जीना इसी का नाम : स्वतंत्रता दिवस पर जीते जी रक्तदान, मरणोपरांत नेत्रदान का लिया संकल्प
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर समाजसेवा में लगे युवाओं ने मरणोपरांत नेत्रदान करने का निर्णय लिया है।
वाराणसी, जेएनएन। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर समाजसेवा में लगे युवाओं ने मरणोपरांत नेत्रदान करने का निर्णय लिया है। इस मौके पर मंडुआडीह में युवा फाउंडेशन व अनमोल सेवा समिति की ओर से नेत्रदान संकल्प शिविर लगाया गया।
संस्था के 20 सदस्यों ने नेत्रदान का संकल्प लेकर स्वतंत्रता दिवस मनाया। सीमा चौधरी ने कहा कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस और अपने जन्मदिन के शुभ अवसर पर नेत्रदान का संकल्प लेकर मैं बहुत खुश हूं। रक्तदान और नेत्रदान ये जीवन का महादान है। प्रत्येक मनुष्य को जीवन में रक्तदान अवश्य करना चाहिए। जीते जी रक्तदान और मरने के बाद नेत्रदान जरूर करें। कहा कि जीना इसी का नाम है जो दूसरों को नया जीवन दे सके।
यह नेत्रदान उनके लिए जो देख नहीं पाते। हमारी मातृभूमि यही संदेश देती है कि देश की रक्षा, आन-बान-शान के लिए हमें हमेशा तत्पर रहना चाहिए।
इसी उद्देश्य के साथ सदस्य ने नेत्रदान संकल्प फॉर्म भरा और संस्था के सदस्यों ने लोगों से अपील किया कि बढ़-चढ़कर नेत्रदान करें और दूसरों के जीवन में प्रकाश भरें। समाजसेवा में लगे युवाओं ने लायंस आई बैंक पहुंचकर अपना संकल्प पत्र सौंपा। शुक्रवार को इन्हें लायंस आई बैंक की ओर से नेत्रदान संकल्प का प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। इस मौके पर अरविंद चक्रवाल, मनीष श्रीवास्तव, आकाश, सत्य प्रकाश, हेमंत राय, नीलू राय आदि लोग मौजूद थे।