रक्त से बनाया जा सकेगा दांत और जबड़ा, बीएचयू के दंत चिकित्सकों ने किया सफल परीक्षण
बीएचयू के डाक्टरों ने मुख में कम मात्रा या अवशोषित हड्डी वाली जगहों पर मरीज के खून से प्लेटलेट रिच फाइब्रिन मेम्ब्रेन बनाने की तकनीक पर शोध किया है।
वाराणसी [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। किसी दुर्घटना में आपके दांत टूट गए हों या किन्हीं कारणों से हड्डी गल गई हो तो घबराएं नहीं। क्योंकि अब इसे आपके खून से ही तैयार किया जाएगा। यह पहले से प्रचलित अन्य तकनीक से भी सस्ता व सुलभ भी है। बीएचयू के दंत चिकित्सा विज्ञान संकाय एवं चिकित्सालय के डॉ. रोमेश सोनी और उनकी टीम ने चिकित्सालय में मुख में कम मात्रा या अवशोषित हड्डी वाली जगहों पर मरीज के खून से प्लेटलेट रिच फाइब्रिन मेम्ब्रेन बनाने की तकनीक पर शोध किया है। इसे बोन ग्राफ्ट के ऊपर लगाया जाएगा। इसका मरीजों पर सफल परीक्षण भी किया जा चुका है। आशय यह कि आने वाले समय में आपको दांत के प्रत्यारोपण के लिए हजारों रुपये खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
आमतौर पर कोलैजन मेंब्रेन का होता है उपयोग
डॉ. रोमेश सोनी बताते हैं कि दांत निकलने के बाद हड्डी समय के साथ गलने लगती है। अधिक गलने के बाद दंत प्रत्यारोपण भी कठिन हो जाता है। इसका कारण है कि डेंटल इंप्लांट करने के लिए पर्याप्त मात्रा में हड्डी का होना जरूरी होता है। कम मात्रा में हड्डी होने पर इसकी वृद्धि कर इंप्लांट लगाया जाता है। डॉ. सोनी द्वारा किए गए शोध में हड्डी की वृद्धि के लिए मरीज के खून से ही प्लेटलेट रिच फाइब्रिन मेम्ब्रेन का निर्माण कर बोन ग्राफ्ट के उपर लगाया गया है। आमतौर पर हड््डी के ऊपर कोलैजन मेम्ब्रेन का उपयोग किया जा है, जो काफी महंगा भी होता है। प्लेटलेट रिच फाइब्रिन मेम्ब्रेन के खून से ही विकसित किए जाने के कारण कोलैजन की तुलना में इसका खर्च भी बहुत कम है और शरीर उसे पूर्णत: स्वीकार भी कर लेता है।
25 मरीजों पर सफल परीक्षण
शोध के दौरान 25 मरीजों पर सफल परीक्षण किया गया। उनमें कोलैजन मेम्ब्रेन या प्लेटलेट रिच फाइब्रिन मेम्ब्रेन का हड्डी के साथ उपयोग किया गया। तीन-छह माह के उपरांत इंप्लांट के ऊपर दांत लगाया गया। दोनों वर्ग के मरीजों की तुलना करने के बाद पाया गया कि परिणाम समान है। यह निष्कर्ष निकाला गया कि जो मरीज आर्थिक कारणों की वजह से मेम्ब्रेन का उपयोग करने से वंचित रह जाते हैं उनमें प्लेटलेट रिच फाइब्रिन मेम्ब्रेन का उपयोग सुलभ व सस्ता है। यह कोलैजन की तुलना में यह हड्डी व मसूड़े की हीलिंग को बढ़ावा देता है। यह हीलिंग की प्रक्रिया में ग्रोथ फैक्टर उपलब्ध कराता है।
पांच रुपये ही लगेगा खर्च
प्रो. रोमेश ने बताया कि इस शोधपत्र को नेशनल जनरल ऑफ मैक्सिलोफैशियल सर्जरी ने 14 फरवरी को स्वीकार कर लिया है। प्लेटलेट रिच फाइब्रिन मेम्ब्रेन तकनीकी से दांत की हड्डी तैयार करने में करीब 500 रुपये ही खर्च होते हैं, जिसमें ट्यूब की राशि भी शामिल हैं। वहीं, कौलैजन मेम्ब्रेन में नौ हजार रुपये तक का खर्चा आता है।