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चंदौली जिले में होगी काले धान की खेती

जितेंद्र उपाध्याय, चंदौली : अठ्ठारह सौ रुपये किलो काला चावल, इसमें औषधीय गुण भी कूट-कूट कर भरे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 May 2018 09:00 AM (IST)Updated: Thu, 24 May 2018 09:00 AM (IST)
चंदौली जिले में होगी काले धान की खेती
चंदौली जिले में होगी काले धान की खेती

जितेंद्र उपाध्याय, चंदौली : अठ्ठारह सौ रुपये किलो काला चावल, इसमें औषधीय गुण भी कूट-कूट कर भरे हैं। बड़े से बड़े रोग भगाने के साथ-साथ मोटापा कम करने का विशेष गुण भी समाहित है। इस अनोखे चावल का नाम है चाक हाओ (काला चावल)। मूलत: यह नागालैंड की प्रजाति मानी जाती है। जिले में चालू सीजन में इसका उत्पादन शुरू हो जाएगा। निदेशालय कृषि विभाग ने इसके उत्पादन में रुचि दिखाई और जिले के लिए 15 किलो चावल भी मंगा लिया है। यहां का वातावरण काला चावल उत्पादन के लिए अनुकूल है, इसलिए पहले चक्र में 15 प्रगतिशील किसानों को एक-एक किलो बीज 1827 रुपये प्रति किलो के हिसाब से दिया जाएगा। किसान इसका उत्पादन कर अगले वर्ष के लिए बीज सुरक्षित रखेंगे। क्या है चावल में खासियत

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चावल का रंग विशेष प्रकार के तत्व एथेसायनिन के कारण काला है। इसमें एंटीआक्सीडेंट ज्यादा है। विटामिन ई, फाइबर और प्रोटीन की बहुलता है। हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्राल, आर्थराइटिस, एलर्जी के साथ कैंसर जैसे रेागों से लड़ने की शक्ति है। मोटापा दूर करने में लाभकारी है। इसमें मौजूद फाइटोकेमिकल कालेस्ट्राल के स्तर को नियंत्रित करने के साथ हृदय की नलिकाओं में आर्थोस्क्लेरोसिस प्लेक फार्मेशन की संभावना कम रहती है। इससे हार्ट अटैक की स्थिति कम हो जाती है। काले चावल से शरीर में प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता। इसमें जो विशेष एंटी आक्सीडेंट है वह त्वचा और आंखों के लिए है, फाइवर पाचन तंत्र को ठीक करने के साथ आंत की बीमारी दूर करने में लाभकारी है। मेनका गांधी का है सुझाव

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने एक माह पूर्व जिले के पिछड़ेपन को उबारने लिए नागालैंड के इस चावल उत्पादन का सुझाव दिया था। उन्होंने इसके लिए कृषि विभाग के साथ स्वयं पहल की। किसानों की आय बढ़ाने के लिए निदेशालय कृषि विभाग भी एलर्ट हुआ और नागालैंड कृ़षि विभाग से बात कर उसकी कीमत, उत्पादन आदि की बात कर जिले में इसके उत्पादन का निर्णय लिया।

लागत और लाभ में अंतर

चाक हाओ धान उत्पादन में अनुमानत: प्रति हेक्टेयर 60 हजार लागत आ रही है। इसमें 2900 किलो धान का उत्पादन होता है। एक कुंतल धान में 65 से 67 फीसद चावल पड़ता है। इसलिए दराई के बाद 1885 किलो चावल निकलता है। नागालैंड सरकार ने 100 किलो चावल की बिक्री मूल्य 182720 रखा है। अपने परंपरागत उत्पादन पर नजर डालें तो एक हेक्टेयर में करीब 44 कुंतल धान होता है। 17 रुपये प्रति किलो के हिसाब 44 कुंतल जोड़ें तो लगभग 75 हजार रुपये ही प्राप्त होगा। निगरानी करेंगे विशेषज्ञ

चाक हाओ चावल की नर्सरी डालने से लेकर उत्पादन तक सारी प्रक्रिया में कृषि विभाग और विशेषज्ञ शामिल रहेंगे। कब खाद छिड़कनी है, कब पेस्टीसाइड देना है, यह बगैर सलाह के किसान नहीं छिड़केंगे। कृषि विभाग की मानें यहां पहले से जो पैदावार हो रही है उसी तरह इसकी भी रोपाई होगी, नर्सरी डाली जाएगी।

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'चाक हाओ धान उत्पादन के लिए किसानों की चयन प्रक्रिया शुरू है। एक किलो धान का बीज 1827 रुपये है। नागालैंड कृषि विभाग से 15 किलो धान का बीज जिले को मिल चुका है। जून प्रथम पखवारे से इसकी नर्सरी पड़नी शुरू हो जाएगी।

- आरके ¨सह, उप निदेशक कृषि।


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