चंदौली की यूरिया से लहलहा रहे बिहार के खेत, यूपी से तस्करी कर यूरिया भेजी जा रही बाहर
खेतों में गेहूं की सिंचाई के बाद यूरिया खाद की जरूरत है रबी सीजन में 32 हजार 800 यूरिया की डिमांड की गई है। विभाग की ओर से अब 26 हजार 500 टन यूरिया किसानों को वितरित की जा चुकी है।
चंदौली, जागरण संवाददाता। जिले की यूरिया से बिहार में किसानों के खेत लहलहा रहे हैं। यहां के किसानों के हिस्से की यूरिया तस्करी कर बिहार ले जाई जा रही है। अधिकारियों की छापेमारी में इसकी पुष्टि हो चुकी है। यहां 32800 टन यूरिया की खपत होती है, अब तक 26500 टन यूरिया वितरित की जा चुकी है। इसके बावजूद किल्लत दूर नहीं हो रही है। इसको लेकर कृषि विभाग अलर्ट हो गया है। प्रशासनिक अधिकारियों से खाद की तस्करी पर रोक लगाने की मांग की है।
गेहूं की सिंचाई के बाद यूरिया खाद की जरूरत पड़ती है। रबी सीजन में 32 हजार 800 यूरिया की डिमांड है। सहकारिता विभाग की ओर से अब 26 हजार 500 टन यूरिया किसानों को वितरित की जा चुकी है। इसके बावजूद यूरिया की किल्लत दूर नहीं हो रही। दरअसल, जिले के किसानों के हिस्से की यूरिया तस्करी कर बिहार पहुंचाई जा रही है। इसकी वजह से जिले में यूरिया का संकट खत्म नहीं हो रहा है। किसान यूरिया के लिए सहकारी समितियों पर लाइन लगाने के लिए विवश हैं। वहीं विभाग उनकी मांग की पूर्ति नहीं कर पा रहा है।
रिश्तेदारी में भेज रहे खाद : कृषि विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के अनुसार जिले के कई किसानों के खेत समीपवर्ती बिहार प्रांत के भभुआ जिले में है। उनके पास बिहार में 100-100 बीघे जमीन है। ऐसे किसान यहां से यूरिया लेकर बिहार भेज रहे हैं। इसकी वजह से जिले में खाद की किल्लत दूर नहीं हो रही है। वहीं यूरिया की तस्करी भी हो रही है। बिहार के किसान यहां के किसानों के साथ साठगांठ कर यहा से कृभको और इफको की यूरिया बिहार मंगा ले रहे हैं। इसके बदले प्रति पैकेट अधिक कीमत दे रहे हैं।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने पकड़ी थी तस्करी : ज्वाइंट मजिस्ट्रेट व चकिया एसडीएम प्रेमप्रकाश मीणा ने पिछले दिनों छापेमारी में यूपी-बिहार सीमा पर स्थित माल्दह से एक पिकअप यूरिया व डीएपी पकड़ी थी। चालक ने बताया कि खाद बिहार ले जाई जा रही थी। एसडीएम ने वाहन व खाद को सीज करने की कार्रवाई की थी। वहीं पुलिस को सीमा पर सख्त पहरा रखने का निर्देश दिया था।
जल्द दूर होगी किसानों की समस्या : जिले में रबी सीजन में 32,800 टन यूरिया की डिमांड होती है। अब तक 26 हजार 500 टन यूरिया का वितरण किया जा चुका है। किसानों की खाद की डिमांड को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ किसान खाद बिहार ले जा रहे हैं। इसकी वजह से किल्लत है। हालांकि जल्द ही समस्या दूर हो जाएगी। -बसंत कुमार दुबे, जिला कृषि अधिकारी।