बीएचयू कुलपति व जेएनयू की टीम ने ईजाद की गले के खतरनाक स्ट्रेप संक्रमण की वैक्सीन
बीएचयू के कुलपति ने जेएनयू के प्रो. अतुल जौहरी व अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थानो के साथ मिलकर एक वैक्सीन ईजाद की है जो गले में होने वाले खतरनाक स्ट्रेप संक्रमण से छुटकारा दिलाएगी।
वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू के कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने जेएनयू के प्रो. अतुल जौहरी व अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थानो के साथ मिलकर एक वैक्सीन ईजाद की है जो गले में होने वाले खतरनाक स्ट्रेप संक्रमण से छुटकारा दिलाएगी। आम तौर पर बच्चों और किशोरों में होने वाला यह रोग स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया के कारण होता है और यह संक्रमण दुनिया भर में हर वर्ष पांच लाख से ज्यादा लोगों की जान ले रहा है। इससे पहले इस संक्रमण से इलाज के लिए कोई टीका अस्तित्व में नहीं था। इसका संक्रमण बहती नाक और थूक से भी फैलता है। इसमें स्ट्रेप बैक्टीरिया गले में जलन, पस उत्पन्न व त्वचा संबंधित बीमारियां होती हैं। इससे इस वैक्सीन के बाजार में आने से काफी राहत मिलेगी। क्रॉस सिरोटाइप नामक वैक्सीन पर आधारित यह शोध नेचर कम्युनिकेशन जर्नल में 15 जुलाई को प्रकाशित हुआ है।
चूहों पर ट्रायल 90 फीसदी तक सफल
प्रो. भटनागर के अनुसार इस टीके का चूहों में संक्रमण के खिलाफ परीक्षण किया गया। इसमें 70 से 90 फीसद तक सफलता मिली। वैक्सीन के प्री-क्लीनिकल ट्रायल व मानव पर परीक्षण करने से पूर्व पेटेंट के लिए आवेदन किया गया है। इसके लिए टीम अब किसी कंपनी के आगे आने का इंतजार कर रही है ताकि वैक्सीन की पहुंच बाजार तक हो। प्रो. भटनागर के मुताबिक उन्होंने लगभग तीन साल पहले जेएनयू के प्रो. अतुल कुमार जौहरी एवं अन्य शोधाॢथयों के साथ यह अध्ययन शुरू किये, जिसमें अब जाकर सफलता मिली। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिकों की टीम ने रिवर्स वैक्सीनोलॉजी के प्रयोग से क्रॉस प्रोटेक्टिव वैक्सीन का पता लगाया। इस प्रक्रिया में चूहों में प्रतिरक्षण के दौरान बैक्टीरिया रोधी एंटीबॉडी विकसित हुए जिनसे विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों के सेरोटाईप में मौजूद ग्रुप ए स्टिरप्टोकॉकस बैक्टीरिया नष्ट हो गए। बता दें कि इसके 61.6 करोड़ सामान्य व गंभीर 1.80 करोड़ गंभीर किस्म के मामले हर साल दुनिया भर में देखे जाते हैं। मृत्युदर के हिसाब से यह चेचक, हीमोफीलिया, इन्फ्लूएंजा टाइप बी व हेपेटाइटिस बी की श्रेणी में आने वाला नौवां सबसे संक्रामक बैक्टीरिया है।