Move to Jagran APP

कुलपति व डीएम के आश्वासन पर छात्रों का धरना समाप्त, बीएचयू का सिंहद्वार खुला

बीएचयू में एक बार फ‍िर से बवाल की स्थिति बनने लगी है, दरअसल मंगलवार कीे सुबह जानकी घाट पर गंगा में बीएचयू का एक छात्र राहुल (कामर्स दितीय वर्ष) डूब गया।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 02 Oct 2018 02:56 PM (IST)Updated: Tue, 02 Oct 2018 07:28 PM (IST)
कुलपति व डीएम के आश्वासन पर छात्रों का धरना समाप्त, बीएचयू का सिंहद्वार खुला
कुलपति व डीएम के आश्वासन पर छात्रों का धरना समाप्त, बीएचयू का सिंहद्वार खुला

वाराणसी (जेएनएन) । जानकी घाट के सामने गंगा में मंगलवार की सुबह स्नान करने गए कामर्स फैकल्टी, बीएचयू के द्वितीय वर्ष के छात्र की डूबने से मौत हो गई। छात्रों ने एनडीआरएफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए करीब पौने पांच घंटे तक सिंहद्वार बंद कर जमकर प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि अगर समय रहते एनडीआरएफ के जवान प्रयास करते तो छात्र की जान बच जाती। सिंहद्वार के पास ही एंबुलेंस में पटना निवासी राहुल के शव को भी काफी देर तक रखे रखा। इस दौरान बीएचयू, जिला एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने समझा-बुझा कर किसी तरह मामला शांत कराया। 

loksabha election banner

मौत के बाद छात्र हुए आक्रोशित

पटना स्थित राजेंद्र नगर, आशियाना निवासी जितेंद्र सिंह का पुत्र राहुल सिंह काशी ङ्क्षहदू विश्वविद्यालय में वाणिज्य संकाय में पढ़ता है। वह बाहर किराए की मकान में रखता है। अपने दोस्तों के साथ सुबह 11 बजे जानकी घाट पर स्नान करने गया था। इस दौरान सीढिय़ों पर पैर फिसलने से वह गहरे पानी में चला गया। छात्रों ने बताया कि राहुल के पानी में जाते ही तुरंत पुलिस व एनडीआरएफ टीम को सूचना दी गई। सूचना पाकर पांच मिनट में ही टीम पहुंच गई। छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि टीम ने यह कहकर राहुल को बचाने में में आनाकानी की कि डीएम का आदेश मिलेगा तभी वह पानी में घुसकर छात्र को निकालेंगे। छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि अगर टीम ने तत्परता दिखाई होती तो राहुल की जान बच सकती थी। छात्रों के अनुसार काफी देर बाद टीम ने गोताखारों की मदद से पानी में राहुल की तलाश शुरू की। किसी तरह राहुल को बाहर निकाला गया। छात्रों ने बताया कि पानी से बाहर निकालने के बाद राहुल की सांस चल रही थी। आनन-फानन में साथी छात्र उसे सर सुंदरलाल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में लेकर गए, लेकिन इससे पहले ही राहुल की मौत हो चुकी थी। 

बढ़ा छात्रों का आक्रोश

इमरजेंसी के बाहर भी एनडीआरएफ के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद दोपहर करीब 1.50 बजे सिंहद्वार के दोनों छोटे बंद कर दिया। साथ ही बड़े वाले गेट के बीच में ही सैकड़ों की संख्या में छात्र जाम लगा दिया और एनडीआरएफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे। इस दौरान संकाय प्रमुख प्रो. सीपी मल्ल व जिला प्रशासन के अधिकारियों ने काफी मनाने की नाकाम कोशिश की। करीब छह बजे कुलपति व छात्रों की मुलाकात हुई। छात्रों के अनुसार कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने जिलाधिकारी से आरोपित जवान के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की। डीएम द्वारा 72 घंटे के अंदर कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद करीब 6.35 बजे धरना समाप्त हुआ। इसके बाद संकाय के छात्रों ने मोर्चरी पहुंचकर संवेदना व्यक्त की। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.