BHU : नए सत्र से ही नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के माध्यम से प्रवेश की तैयारी, कामन एंट्रेंस टेस्ट के लिए कमेटी गठित
नए सत्र 2021-22 से काशी हिंदू विश्वविद्यालय और उसके सभी संबंधित कालेजों में स्नातक की प्रवेश परीक्षा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा कराने की तैयारी है। जल्द ही इस सत्र से यह व्यवस्था लागू करने की घोषणा केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा की जा सकती है।
वाराणसी [हिमांशु अस्थाना]। नए सत्र 2021-22 से काशी हिंदू विश्वविद्यालय और उसके सभी संबंधित कालेजों में स्नातक की प्रवेश परीक्षा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा कराने की तैयारी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के निर्देश पर एनटीए को यह जिम्मेदारी दी गई है कि देश भर के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक की एक समान परीक्षा आयोजित कराए। इसके बाद बीएचयू की ओर से करीब एक माह पहले ही पाठ्यक्रमों और सीटों की संख्या का विवरण यूजीसी को भेज दिया गया है। संभव है कि संगीत व ²श्य कला समेत कुछ रचनात्मक कोर्सों को इस परिधि से बाहर रखा जाए। विवि के एक अधिकारी के अनुसार करीब डेढ़ माह पहले सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों की एक आम बैठक बुलाई गई थी, जिसमें सभी कोर्सों के नियम और शर्तें से संबंधित जानकारी प्रदान कर दी गई है। वहीं यूजीसी ने इस कामन टेस्ट कराने के लिए प्रारूप तैयार करने वाली कमेटी को सभी विवरण सौंप दिया है। जल्द ही इस सत्र से यह व्यवस्था लागू करने की घोषणा केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा की जा सकती है।
15-20 दिन में कमेटी सौंपेगी रिपोर्ट
यूजी कोर्स के लिए नीट की तर्ज पर कामन एप्टिट्यूड एग्जाम के लिए एक सात सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी, जिसमें बीएचयू के पूर्व कुलपति प्रो. राकेश भटनागर और पूर्व चीफ प्राक्टर प्रो. एचसीएस राठौर को सदस्य नियुक्त किया गया था। इस कमेटी को बीएचयू समेत पूरे भारत भर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश परीक्षा के लिए एक पैटर्न तय करने की जिम्मेदारी की गई थी। इसकी कई बैठकें जो हुईं हैं, उसमें इसी सत्र से ही इस व्यवस्था को लागू करने की बात हुई है। हालांकि अभी तक कमेटी की ओर से मंत्रालय या यूजीसी को इसके लिए कोई सिफारिश नहीं की गई है, मगर कमेटी में इस सत्र से ही लागू करने पर आम सहमति बन गई है। मिली जानकारी के अनुसार 15 से 20 दिन के अंदर कमेटी अपनी सिफारिश सरकार को सौंप देगी।
इसी सत्र से यह व्यवस्था लागू करने की पूरी तैयारी है
इसी सत्र से यह व्यवस्था लागू करने की पूरी तैयारी है। हालांकि इस पर अभी अंतिम निर्णय सरकार को ही लेना है। यदि सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कामन एग्जाम टेस्ट के तहत प्रवेश परीक्षा ली जाए तो इससे गरीब छात्रों को सबसे अधिक सहूलियत होगी। इस प्रणाली से मेरिट के अनुसार एक ही आवेदन पर देशव्यापी स्तर पर प्रवेश पाने का मौका मिलेगा।
प्रो. एचसीएस राठौर, कमेटी के सदस्य और दक्षिण बिहार केंद्रीय विवि के कुलपति