बीएचयू के परीक्षा पत्र में ट्रिपल तलाक, खिलजी और हलाला पर सवाल, मचा हंगामा
छात्रों का आरोप है कि इस तरह के प्रश्नों और शिक्षा के जरिए यूनिवर्सिटी प्रशासन खास तरह की विचारधारा छात्रों पर थोपना चाह रहा है।
वाराणसी (जेएनएन)। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से जुड़े विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं। कुछ दिनों पहले छात्राओं पर हुए लाठीचार्ज का मामला जहां ठंडा भी नहीं पड़ा वहां अब एक नए विवाद ने तूल पकड़ लिया है। बीएचयू के एमए इतिहास के प्रश्नपत्र में कुछ ऐसे सवाल पूछे गए जिससे फिर से विवाद खड़ा हो गया है।
प्रश्नपत्र में 'इस्लाम में हलाला क्या है?', 'अलाउद्दीन खिलजी ने किस दर पर गेहूं के दाम तय किए थे?' और 'इस्लाम में तीन तलाक और हलाला जैसी कुरीतियों पर चर्चा कीजिए' जैसे सवाल किए गए। छात्रों का आरोप है कि इस तरह के प्रश्नों और शिक्षा के जरिए यूनिवर्सिटी प्रशासन खास तरह की विचारधारा छात्रों पर थोपना चाह रहा है।
विश्वविद्यालय के एक छात्र विकास के अनुसार, 'विश्वविद्यालय को इन प्रश्नों में कुछ भी गलत नहीं लगा लेकिन मेरे अनुसार यह सवाल अपमानजनक थे।' वहीं दूसरी तरफ बीएचयू में इतिहास के असिस्टेंट प्रो. राजीव श्रीवास्तव ऐसा नहीं मानते। उनका कहना है कि अगर छात्रों को इस बारे में नहीं पढ़ाया जाएगा तो वो यह सब कैसे सीखेंगे। उन्होंने कहा, 'जब छात्रों को मध्ययुगीन इतिहास पढ़ाया जाता है तो यह चीजें अपने आप ही पाठ्यक्रम का हिस्सा बन जाती हैं। इतिहास के साथ छेड़छाड़ हुई है और यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम छात्रों को असल इतिहास से अवगत कराएं।'
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इसके अलावा उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के तरीके पर भी सवाल उठाए और कहा कि इस्लाम से कई कुरीतियां जुड़ी हैं और उनके बारे में बताया ही जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'जब हम इस्लाम का इतिहास पढ़ाते हैं तो हमें ऐसी चीजें पढ़ानी ही पढ़ेंगी। संजय लीला भंसाली जैसे लोग छात्रों को कभी भी सही इतिहास नहीं बताएंगे।'