बीएचयू में ऑनलाइन कोर्स को मिली सहमति, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मांगा प्रस्ताव
वाराणसी स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय समेत देश के 33 विश्वविद्यालयों से मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आनलाइन कोर्स के लिए प्रस्ताव मांगा है।
वाराणसी [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। सीटें भर जाने के बाद दाखिले से वंचित रहने वाले या आर्थिक अभाव में कोर्स करने से वंचित नौकरी-पेशे वालों के लिए अच्छी खबर है। अब घर बैठे या किसी संस्थान में कार्यरत रहते हुए भी अपना मन पसंद कोर्स किया जा सकता है। व्यवस्था को लागू करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बीएचयू सहित देश के 33 विश्वविद्यालयों को पत्र लिखा है। पत्र के माध्यम से मंत्रालय ने ऑनलाइन कोर्स संचालित करने का प्रस्ताव मांगा है। इसको ध्यान में रखते ऑनलाइन कोर्स के लिए पिछले दिनों आयोजित अपेक्स कमेटी की बैठक में काशी हिंदू विश्वविद्यालय प्रशासन ने सैद्धांतिक सहमति भी प्रदान कर दी है। कृषि विज्ञान संस्थान सबसे पहले यह व्यवस्था लागू करने के लिए आगे आया है। शुरूआत में सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा कोर्स ही संचालित किए जाएंगे।
कोई भी, कही से भी कर सकेगा कोर्स : एशिया के सबसे बड़े आवासीय विश्वविद्यालय बीएचयू में डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स अभी तक यहीं के ही छात्र कर पाते थे। मंत्रालय की ओर से की गई नई व्यवस्था के बाद बाहर के छात्र-छात्राएं भी कही से कोर्स कर सकेंगे। इसमें आवेदन, पढ़ाई से लेकर परीक्षा तक सारी व्यवस्था ऑनलाइन ही होगी।
शुल्क तय होना बाकी : ऑनलाइन कोर्स शुरू करने से पहले इसका शुल्क भी तय होगा। 11 जनवरी को केंद्रीय कार्यालय में हुई बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने की थी। इसमें सभी संस्थानों के निदेशक, संकायों के डीन एवं अपेक्स कमेटी के सदस्य भी मौजूद थे। इसमें कृषि विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. रमेश चंद्र ने कुलपति को भरोसा दिलाया गया कि उनके यहां डिप्लोमा व सर्टिफिकेट कोर्स अब ऑनलाइन ही होंगे। यह व्यवस्था अगले सत्र से लागू हो जाएगी। बीएचयू में ऑनलाइन कोर्स के लिए सैद्धांतिक सहमति बन गई है। इसमें सभी को कोर्स करने का मौका मिलेगा। शुरूआत में सिर्फ सर्टिफिकेट व डिप्लोमा कोर्स किए जाएंगे। इसमें सफलता मिलने के बाद अन्य यूजी व पीजी के डिग्री कोर्स को भी ऑनलाइन करने पर विचार किया जाएगा। - प्रो. विवेक कुमार सिंह, कोआर्डिनेटर कंप्यूटर सेंटर, बीएचयू