बीएचयू कृषि वैज्ञानिकों ने की ड्रोन से गेहूं की बोवाई
जागरण संवाददाता वाराणसी देश में पहली बार बीएचयू के कृषि वैज्ञानिकों ने विकसित देशों
जागरण संवाददाता, वाराणसी : देश में पहली बार बीएचयू के कृषि वैज्ञानिकों ने विकसित देशों की तरह पहल शुरू करते हुए ड्रोन से गेहूं की बोवाई की। बीएचयू कैंपस में स्थित कृषि विज्ञान संस्थान के एग्री फार्म और मीरजापुर से इसकी शुरुआत की गई। विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. रमेश चंद के नेतृत्व में कृषि अभियंत्रिकी के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एके नेमा और गेहूं के प्रजनक प्रो. वीके मिश्रा ने अपने ड्रोन के स्पेशलिस्ट अभिनव कुमार सिंह ठाकुर के साथ चार-चार बिस्वा क्षेत्र में सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इस सफलता के बाद से अब बोवाई के क्षेत्र को बढ़ाकर हर फसल में लागू किया जाएगा।
प्रो. नेमा ने बताया कि इसके लिए उतेरा विधि को अपनाया गया, जिसमें बिना जोताई के ही बोवाई कर दी जाती है। वहीं अब इससे आगे खरीफ के सीजन में दवाओं व उर्वरक के छिड़काव के लिए भी ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कृषि तकनीक को अब अलग तरह से लागू करने की जरूरत है। ड्रोन से खेती करके समय व श्रम की बचत ही नहीं होगी, बल्कि तमाम उन दुश्वारियों से भी बचा जा सकेगा, जिनसे किसान पस्त रहते आए हैं। इनमें कीचड़, बरसात का पानी व अन्य तमाम समस्याओं से परेशानी प्रमुख है। उन्होंने कहा कि बड़े आकार की खेती के लिए ड्रोन की संख्या को बढ़ाकर कृषि में खर्च होने वाले समय को कम किया जा सकता है।
आकाश से बरसते बीज देख लोग हुए हैरान : मीरजापुर स्थित खुटहां गांव में महेंद्र मौर्या के खेत में तब अनोखा नजारा पेश हुआ, जब आसमान से गेहूं के बीज बरसते दिखाई दिए। उनके खेत में देखते ही देखते चार बिस्वा की बोवाई का कार्य पूर्ण हो गया। इस बीच आसपास के गांव से सैकड़ों की संख्या में लोग यह कारनामा देखने को जुट गए। वैज्ञानिकों ने बोवाई के बाद उसके विविध उपयोगों पर किसानों से चर्चा भी की। उन्होंने बताया कि खेती के कार्य में ड्रोन का आम प्रयोग अब किया जा सकता है, जिसका सफल परीक्षण हो चुका है।