पर्यटन मानचित्र पर चमकेगी भृगु नगरी, आध्यात्मिक सर्किट-2 में बलिया के तीन स्थल
बलिया नगरी अब पर्यटन मानचित्र पर चमकेगी। सरकार ने सूबे के धार्मिक महत्व के स्थलों के विकास के लिए बनाई योजना में बलिया के तीन धार्मिक स्थलों को लिया है।
बलिया [रवींद्र मिश्र]। अब पर्यटन मानचित्र पर चमकेगी भृगु नगरी बलिया। सरकार ने सूबे के धार्मिक व पौराणिक महत्व के स्थलों के व्यापक विकास के लिए बनाई गई योजना में बलिया के तीन प्रमुख धार्मिक स्थलों को भी लिया है। पर्यटन विकास की महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत आध्यात्मिक सर्किट- 2 में नगर क्षेत्र के भृगु बाबा मंदिर, चितबड़ागांव के ऐतिहासिक बरईया पोखरा व कारो महादेव धाम को शामिल किया गया है। इस महत्वपूर्ण योजना में प्रदेश के 94 प्रमुख धार्मिक स्थलों का चयन हुआ है।
पर्यटन परियोजना में शुमार बलिया के तीनों स्थल अपने धार्मिक व पौराणिक आख्यानों के चलते चर्चित रहे हैं। इन स्थलों के उत्तर- प्रदेश के पर्यटन मानचित्र पर स्थापित होने से जहां एक तरफ जनपद का गौरव बढ़ेगा वहीं दूसरी तरफ बहुआयामी विकास के नए मार्ग भी प्रशस्त होंगे।
क्या है योजना : उत्तर-प्रदेश में पर्यटन के व्यापक विकास के लिए केंद्र सरकार ने एक महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है। इस क्रम में पूरे देश को सर्किट में बांटा गया है। स्वदेश दर्शन योजना के तहत धार्मिक आधार पर प्रमुख केंद्र चयनित किए गए हैं। बुद्ध, जैन, श्रीकृष्ण, रामायण और बौद्ध सर्किट के तहत प्रदेश के धार्मिक स्थलों को योजना का हिस्सा बनाया गया है। इसके बाद शेष बचे प्रमुख स्थलों को पर्यटन विकास से जोड़ने के लिए एक अन्य अतिरिक्त श्रृंखला आध्यात्मिक सर्किट (परिपथ) का सृजन किया गया है। इसमें अन्य प्रमुख पर्यटन व धार्मिक स्थलों को शामिल किया गया है। इनमें बलिया के तीन धार्मिक स्थलों को स्थान मिला है।
जन सुविधाओं के विकास के साथ सौंदर्यीकरण : चयनित इन धार्मिक स्थलों पर जनसुविधाओं के विकास के बाबत बनी कार्ययोजना के क्रियान्यवयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके तहत ये स्थल जहां प्रकाश परिपथ व सोलर लाइट से आच्छादित किए जा रहे हैं वहीं सड़क, पाथ-वे, पार्को का विकास भी किया जा रहा है। विकास के क्रम में बाउंड्रीवाल, बेंच, रेन शेल्टर, लैंडस्केपिंग, वाटर हार्वेस्टिंग व रैन बसेरा का भी निर्माण होना है। ड्रेनेज सिस्टम दुरूस्त होंगे, सीढि़यों पर पत्थर बिछाकर अन्य जन सुविधाएं विकसित की जाएंगी। पुरातात्विक महत्व के स्थलों का मौलिक स्वरूप बरकरार रखकर इनका संरक्षण व संवर्धन किया जाएगा। म्युजियम व अन्य धरोहरों के विकास के लिए भी कारगर योजना बनाई गई है।
स्थलों का भौतिक सत्यापन : क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरएन मिश्र ने बताया कि चयनित धार्मिक स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप मे विकसित करने की योजना को मूर्तरूप देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पर्यटन विभाग ने इन स्थलों के भौतिक सत्यापन का कार्य पूरा कर लिया है। चयनित स्थलों पर भूमि चयन सहित अन्य औपचारिकताएं भी पूरी कर ली गईं हैं। सभी विकास कार्यो को मूर्तरूप देने के लिए पर्यटन विभाग को नोडल अधिकार प्राप्त है। अगले वर्ष मार्च--2019 तक चयनित स्थलों की विकास योजना को पूरी तरह क्रियान्वित कर लेने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।