Move to Jagran APP

नरसंहार के पीडि़तों से मिलने छिपते-छिपाते सोनभद्र के उभ्भा गांव पहुंची भीम आर्मी

उभ्भा गांव में 17 जुलाई को हुए नरसंहार में मारे गए लोगों के परिजनों से राजनीतिक दलों के मिलने का सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 23 Jul 2019 07:51 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jul 2019 08:26 PM (IST)
नरसंहार के पीडि़तों से मिलने छिपते-छिपाते सोनभद्र के उभ्भा गांव पहुंची भीम आर्मी
नरसंहार के पीडि़तों से मिलने छिपते-छिपाते सोनभद्र के उभ्भा गांव पहुंची भीम आर्मी

सोनभद्र, जेएनएन। उभ्भा गांव में 17 जुलाई को हुए नरसंहार में मारे गए लोगों के परिजनों से राजनीतिक दलों के मिलने का सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा। सपा के प्रतिनिधिमंडल के बाद बिना किसी पूर्व सूचना में भीम आर्मी के संस्थापक का चंद्रशेखर अपने कार्यकर्ताओं के साथ उभ्भा गांव पहुंच गए। इस दौरान कार्यकर्ताओं का काफिला मुख्य रास्ते से तो प्रमुख चंद्रशेखर पीछे की पहाड़ी के रास्ते गांव में पहुंचे। इस दौरान गांव को जाने वाले रास्ते पर पुलिस ने भीम आर्मी के काफिले को रोक दिया, इसके बाद काफी देर तक विवाद की स्थिति बनी रही। इस बीच प्रशासन की टीम को जब पता चला कि भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर गांव में पहले ही पहुंच गए हैं इसके चलते वहां पर अफरा तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई।

loksabha election banner

 चंद्रशेखर ने मृतक परिवार के परिजनों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने महिलाओं को ढांढस बंधाते हुए उनके साथ संघर्ष करने की बात कही। कहा कि आदिवासी समाज पर जो जुल्म किये गए वह अत्यंत ङ्क्षनदनीय हैं। जिस जमीन पर उनकी कई पीढ़ी खेती करती आ रही थी, उसे बेदखल करने की यह सोची-समझी रणनीति के तहत कार्रवाई की गई है। मांग करते हुए कहा कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और इसमें शामिल हर किसी व्यक्ति पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए। चेतावनी देते हुए उन्‍होंने कहा कि अगर जांच में किसी तरह की लापरवाही हुई तो भीम आर्मी के कार्यकर्ता व्यापक आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

पहाड़ी रास्ते से आए संस्थापक 

प्रशासन जहां राजनीतिक दलों को उभ्भा गांव में न आने के लिए विभिन्न उपाय कर रहा है तो वहां पर पहुंचकर लोगों से मिलने के लिए राजनीति दलों के लोग नित नए कारनामे कर रहे हैं। मंगलवार को पीडि़तों से मिलने के लिए भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर ने नया पैतरा अपनाते हुए अपने काफिले को जहां मुख्य मार्ग से आने को कहां तो वहीं खुद कुछ समर्थकों के साथ गांव में पहाड़ी रास्ते पैदल होते हुए पहुंच गया। गांव में उनके पहुंचने के बाद खुफिया व पुलिस विभाग में हलचल मच गया। आनन फानन पुलिस ने चंद्रशेखर को महज पांच मिनट के अंदर ही गांव की सीमा से बाहर का रास्ता दिखा दिया। बावजूद इसके भीम आर्मी का प्रतिनिधिमंडल ग्रामीणों से मिलने और उनकी बात सुनने में सफल रहा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.