दैनिक जागरण व जिला प्रशासन की ओर से भारत आनंद-काशी आनंद, बही भाव सरिता
दैनिक जागरण व जिला प्रशासन की ओर से डा. आरपी घाट पर नैत्यिक सांध्य आयोजन भारत आनंद-काशी आनंद में शनिवार को बही भावों व भक्ति गीतों की सरिता से गंगा तट शिवमय हो उठा।
वाराणसी, जेएनएन। दैनिक जागरण व जिला प्रशासन की ओर से डा. आरपी घाट पर नैत्यिक सांध्य आयोजन भारत आनंद-काशी आनंद में शनिवार को बही भावों व भक्ति गीतों की सरिता से गंगा तट शिवमय हो उठा। कलाकारों ने सधे सुर व राग में गीत-भजन सुनाए और नृत्य के भावों से मंत्रमुग्ध किया।
मनोज दुबे ने 'राग भीम पलासी में- रे मझधार डूबत मोर नइया...' और 'राग यमन में सूरदास की रचना तुम मेरी लाज राखो हरि, तुम जानत सब अंतरयामी...' से विभोर किया। तबले पर दिवाकर ने साथ दिया। विदुषी शर्मा ने 'ऊं नम: शिवाय..' महामंत्र से गायन का श्रीगणेश किया। 'जय शिव शंकर जय गंगाधर...', 'प्रेम मुदित...' व 'राम नाम का अमृत पी ले जनम सफल हो जाएगा...' सुनाकर आनंदित किया। शिवम त्रिपाठी ने गणेश वंदना 'पधारो गणेश जी', 'गौरा हो गौरा परान लेबू का हो...' के साथ ही 'सज धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी न सोना काम आएगा न चांदी काम आएगी...' को स्वर दिया। सुदीपा बनर्जी ने कथक में शिव वंदना के भाव सजाए व तराना प्रस्तुत किया। तबले पर रवि सिंह, की बोर्ड पर विकास पैन्यूली व हारमोनियम पर विनय खरवार ने सधी संगत की। संचालन सुरभि सोनकर और गौतम झा ने किया।