दसवीं का सीबीएसई बेसिक मैथ छात्रों का बिगाड़ रहा ‘बेस’, कहां से दें तीन वर्षों का परीक्षा रिकार्ड
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) ने दसवीं के छात्राें को बगैर परीक्षा के प्रमोट करने के लिए विद्यालयों ने तीन वर्षों के परीक्षाफल का भी रिकार्ड मांगा है। वहीं जनपद में 15 ऐसे विद्यालय हैं जिनका इस वर्ष प्रथम या द्वितीय बैच है।
वाराणसी, जेएनएन। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) ने दसवीं के छात्राें को बगैर परीक्षा के प्रमोट करने के लिए विद्यालयों ने तीन वर्षों के परीक्षाफल का भी रिकार्ड मांगा है। वहीं जनपद में 15 ऐसे विद्यालय हैं जिनका इस वर्ष प्रथम या द्वितीय बैच है। ऐसे में वह तीन साल का परीक्षा रिकार्ड कहां से जुटाएं। दूसरी ओर वर्ष 2020 की परीक्षा में दसवीं के छात्रों को बेसिक मैथ काफी कम अंक मिला था। सीबीएसई ने बेसिक मैथ की शुरूआत गत वर्ष से की थी। विद्यालयों को चिंता इस बात की है कि गत वर्ष के परीक्षार्थियों का प्रभाव इस वर्ष के छात्रों पर पड़ेगा।
सीबीएसई ने अब दसवीं में दो मैथ कर दिया है। पहला बेसिक और दूसरा स्टैडर्ड। वर्ष 2020 में बेसिक मैथ की पहली बार परीक्षा हुई थी। पहला बैच होने के कारण ज्यादातर विद्यालयों में बेसिक मैथ का रिजल्ट औसत रहा है। ऐसे में विद्यालयों की चिंता स्वभाविक है। दरअसल सीबीएसई ने सभी विद्यालयों ने हाईस्कूल के तीन वर्षों का परीक्षाफल का विवरण, परीक्षार्थियों का विषयवार प्री-बोर्ड एग्जाम का अंक, अर्द्धवार्षिक परीक्षा व यूनिट टेस्ट का विवरण 30 जून तक मांगा है। सीबीएसई गाइडलाइन को लेकर कई विद्यालय संकट में हैं। खास तौर पर नए विद्यालय। इस संबंध में जनपद के कई विद्यालयों ने सीबीएसई से दिशा-निर्देश मांगा है। बहरहाल सीबीएसई की गाइडलाइन के अनुसार सभी विद्यालयों को प्रधानाचार्यों की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय समिति गठित करने का भी आदेश था।
सीबीएसई की सिटी कोआर्डिनेटर व सनबीम इंग्लिश स्कूल (भगवानपुर) की प्रधानाचार्य गुरमीत कौर ने बताया कि सीबीएसई की गाइडलाइन के अनुसार जनपद के सभी 150 विद्यालयों में समिति का गठन किया जा चुका है। इसकी दो-दो बैठकें भी हो चुकी है। समिति के सदस्यों के परामर्श पर कई विद्यालयों ने सीबीएसई के पोर्टल पर दसवीं के विद्यार्थियों का अंक भी अपलोड करना शुरू कर दिया है। हालांकि ज्यादातर विद्यालय 15 जून के बाद पोर्टल पर अंक अपलोड करने की प्रक्रिया शुरू करने वाले हैं। उन्होंने बताया कि इंटर की परीक्षा निरस्त होने के बाद अब विद्यालयों ने 12वीं का भी तीन साल का रिकार्ड तैयार करने में अभी से जुट गए हैं ताकि सीबीएसई से गाइड लाइन जारी होते ही इंटर के अंक भी पोर्टल पर अपलोड किए जा सके।