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बनारसी उत्पाद अब होंगे अंतरराष्ट्रीय व्यापार में शामिल, पांच दिनों में मिलेगा पैकेजिंग का प्रशिक्षण

बनारस के दीन दयाल सेंटर में चार जनवरी से उत्पादों की पैकेजिंग व ब्रांडिंग का प्रशिक्षण काेर्स मुंबई के इंडियन पैकेजिंग इंस्टीट्यूट द्वारा चलाया जाएगा। बनारस के प्रसिद्ध हैंडलूम व हैंडीक्राफ्ट उत्पादों व खिलौनों बनाने वाले स्थानीय उद्यमियों को पांच दिनों में अपने उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय व्यापार का हिस्सा बनाएंगे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 30 Dec 2020 12:16 PM (IST)Updated: Wed, 30 Dec 2020 05:42 PM (IST)
बनारस के दीन दयाल सेंटर में चार जनवरी से उत्पादों की पैकेजिंग व ब्रांडिंग का प्रशिक्षण काेर्स चलाया जाएगा।

वाराणसी, जेएनएन। बनारस के दीन दयाल सेंटर में चार जनवरी से उत्पादों की पैकेजिंग व ब्रांडिंग का प्रशिक्षण काेर्स मुंबई के इंडियन पैकेजिंग इंस्टीट्यूट द्वारा चलाया जाएगा। बनारस के प्रसिद्ध हैंडलूम व हैंडीक्राफ्ट उत्पादों व खिलौनों बनाने वाले स्थानीय उद्यमियों को पांच दिनों में अपने उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय व्यापार का हिस्सा बनाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस कोर्स को वर्चुअल रूप से हरी झंडी चार जनवरी को देंगे। इस कोर्स का पहला बीच जनवरी से 1 मार्च तक संचालित होगा। बनारस की गलियों में बनने वाले छोटे-छोटे उत्पाद, बनारस के पान, साड़ी, मिठाइयां व काष्ठ कला दुनिया भर में अपनी विशिष्टता के लिए जानी जाती है, अब इस कोर्स के माध्यम से उसे निरंतर निर्यात के स्तर पर उतारा जाएगा। मालूम हो कि रामनगर में पोर्ट बनने से व्यापारिक कार्य और भी सुलभ हो जाएगा।
करीब छह माह पहले मुंबई के इंडियन इंस्टीट्यूट आफ पैकेजिंग द्वारा बनारस में शुरू करने की कवायद हुई थी और दीन दयाल हस्तकला संकुल में राज्य सरकार से जगह भी मांगी गई थी।अब कामन फैसिलिटी सेंटर अब बनकर तैयार है, जिसमें 25-30 की संख्या में उद्यमी प्रशिक्षित होंगे। शुभारंभ के मौके पर दो सौ से अधिक वस्तु कलाकार, क्राफ्टमैन, व्यापारी और उद्यमी मौजूद रहेंगे। शुभांरभ में प्रदेश सरकार में एमएसमई विभाग के मंत्री सिद्धार्थ सिंह, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में वाणिज्य विभाग के निदेशक प्रवीन कुमार और अतिरिक्त सचिव एस किशोर भी हिस्सा लेंगे। आइआइपी, मुंबई के निदेशक डा. तनवीर आलम ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत बनारस में ही इसका सेंटर खोलने पर सहमति बनी थी, क्योंकि यहां पर क्षेत्रीय उत्पादों की विशिष्टता दुनियाभर में विद्यमान है, जिसको लेकर पैकेजिंग स्किल की खासा जरूरत है। वहीं पैकेजिंग में इतनी क्षमता है कि कोरोना के चलते बनारस लघु उद्याेग को जो नुकसान पहुंचा है, उसकी जल्द ही भरपाई भी हो सकेगी।

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