भाजपा नेताओं को मुख्यालय छोडऩे पर लगी रोक, राम मंदिर के फैसले को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार चौकन्ना
अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मुकदमे की सुनवाई पिछले महीने पूरी हो गई। कयास लगाया जा रहा है कि आगामी सप्ताह के बाद किसी भी दिन फैसला आ सकता है।
वाराणसी [अशोक सिंह]। श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मुकदमे की सुनवाई पिछले महीने पूरी हो गई। कयास लगाया जा रहा है कि आगामी सप्ताह के बाद किसी भी दिन फैसला आ सकता है। इसको लेकर उत्पन्न होने वाली परिस्थितियों को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व ने अपने बड़े पदाधिकारियोंं और जनप्रतिनिधियों को जिला मुख्यालय छोडऩे पर रोक लगा दी है। निर्देश स्पष्ट है कि बहुत आवश्यक न हो तो 10-11 नवंबर के बाद कोई भी अपने क्षेत्र को न छोड़ें।
आने वाले राम जन्मभूमि फैसले को लेकर प्रदेश ही नहीं, पूरे देश में सतर्कता बरती जा रही है। नेताओं को कहा गया है कि अगले सप्ताह के बाद कोई भी कार्यक्रम आयोजित न करें। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर चल रही संकल्प यात्रा की अंतिम तिथि बढऩे के बाद भी 12 नवंबर निर्धारित किया गया है। जन्मभूमि पर फैसले पर कोई बयानबाजी न करें। विरोधियों द्वारा उकसाया जा रहा है तो उसे नजरअंदाज करें। जुलूस आदि न निकालें। सभी मंत्री जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ नेता व पदाधिकारी कार्यकर्ताओं को संयम बरतने के लिए संपर्क में रहें। हालांकि इस संबंध में भाजपा के पदाधिकारी कुछ बोलने से कतरा रहे हैं लेकिन स्वीकार कर रहे हैं कि संयम बरतने, कार्यक्रम नहीं करने आदि के लिए कहा गया है।
प्रदेश अध्यक्ष भी चेता गए
दो दिन पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह नगर में थे। उन्होंने पटेल जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में लोगों से स्पष्ट रूप से कहा कि कोई ऐसा कार्य नहीं करें जिससे लोगों की भावना को ठेस पहुंचे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कल लखनऊ में लोगों से संयम बरतने की अपील की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मन की बात में 2010 में आए हाईकोर्ट के फैसले जैसा संयम बरतने की बात कह चुके हैं।
अधिकारियों की छुट्टियां निरस्त
प्रदेश के गृह अनुभाग की तरफ से पहले ही अयोध्या प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट के आने वाले फैसले को देखते हुए प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों की छुट्टियां 30 नवंबर तक निरस्त कर दी गई हैं। नवागत जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा कि फैसले के समय कानून व्यवस्था को बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है।