Varanasi में गंगा नदी से दो सौ मीटर के प्रतिबंध ने लंबी की जर्जर भवनों की सूची
दो दशकों में शहर में जर्जर मकान बढ़ते गए क्योंकि वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) ने गंगा नदी के किनारे दो सौ मीटर दायरे में नवनिर्माण पर रोक लगा रखी है। सैकड़ों वर्ष पुराने भवनों की मरम्मत के नियम भी सख्त हैैं।
वाराणसी, जेएनएन। दो दशकों में शहर में जर्जर मकान बढ़ते गए, क्योंकि वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) ने गंगा किनारे दो सौ मीटर दायरे में नवनिर्माण पर रोक लगा रखी है। सैकड़ों वर्ष पुराने भवनों की मरम्मत के नियम भी सख्त हैैं। यही वजह है कि दशाश्वमेध जोन में जर्जर भवनों की संख्या सौ से अधिक है, जिन्हें ध्वस्त करना जरूरी है।
नगर निगम की सूची के अनुसार दो साल पहले जर्जर भवनों की संख्या 341 हो गई थी, लेकिन बीते वर्ष बारिश में कई भवनों की दीवारें गिर गईं। इसमें कुछ लोग जख्मी हुए तो 49 भवनों को ध्वस्त किया गया। अब जर्जर भवनों की संख्या 292 है। वहीं 193 ऐसे भवन हैं जिन्हें ध्वस्त करना बेहद जरूरी है। दो सौ मीटर के दायरे में मरम्मत व निर्माण पर प्रतिबंध के कारण अधिकांश भवनों के नींव, ईंटें सड़ गईं। दीवारें, छत व छज्जे काफी जर्जर हो चुके हैं। अगर बंदर भी छज्जों पर कूदता है तो मलबा गिरता है। भवनों की ओर आंखें मूदे नगर निगम को लगता है किसी बड़े हादसे का इंतजार है।
लचीला नियम बना जानलेवा
नगर निगम ने चिह्नित जर्जर भवनों को गिराने के लिए उनके स्वामियों को नोटिस जारी तो किया है लेकिन उसमें शर्तें ऐसी रखीं हैं जिससे किसी भवन का ध्वस्तीकरण संभव नहीं है, चाहे कितना भी जर्जर क्यों न हो। नोटिस में मरम्मत का विकल्प होता है जिसका लाभ मालिक उठा लेते हैं।
-किरायेदारी का विवाद भी बाधा
चौक, कोतवाली व दशाश्वमेध जोन में जो पुराने जर्जर मकान हैं उनमें किरायेदारी का विवाद है। वाद कोर्ट में लंबित होने के चलते उनमें हाथ डालने से नगर निगम प्रशासन बचता है। इस कारण भी कई भवनों का ध्वस्तीकरण नहीं हो रहा है।
किस जोन में कितने जर्जर मकान
दशाश्वमेध 104
कोतवाली 81
आदमपुर 24
भेलूपुर 10
चौक 58
वरुणापार 15
341 : जर्जर भवन थे दो साल पूर्व तक
49 : भवन पिछले वर्ष किए गए ध्वस्त
292 : जर्जर भवन शहर में इस समय
193 : भवनों को ध्वस्त करना जरूरी
जर्जर मकानों से जुड़े हादसे
- दशाश्वमेध वार्ड के डेढ़मल गली में मकान नंबर डी 4/15, 16 व 17 के खंडहर की दीवार गिर गई थी। गली बंद होने से जनजीवन को कोई हानि नहीं हुई लेकिन स्कूटी क्षतिग्रस्त हो गई थी।
-पक्के महाल में डी 4/11 नंबर मकान में पटिया सहित गिर गया था गर्डर।
-कबीरचौरा स्थित कबीर रोड में पवन चौरसिया का मकान ढह गया था। इस मकान में तीन लोग थे लेकिन संयोग अच्छा रहा कि कोई हताहत नहीं हुआ।