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गंगा में बहकर आए शवों का बलिया प्रशासन ने कराया अंतिम संस्कार, गड्ढा खोदकर किए दफन

बलिया प्रशासन ने गंगा किनारे बह कर आए शवों का अंतिम संस्कार कराते हुए प्रशासनिक देखरेख में जेसीबी से गड्ढा खोदकर किया गया। डीएम अदिति सिंह ने शवों के आने के स्त्रोत का पता लगाने के लिए एसडीएम सदर व सीओ को जांच सौंपी है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 11 May 2021 09:19 PM (IST)Updated: Wed, 12 May 2021 01:17 AM (IST)
गंगा किनारे बह कर आए शवों का अंतिम संस्कार कराते हुए प्रशासनिक देखरेख में जेसीबी से गड्ढा खोदकर किया गया।

बलिया, जेएनएन। जिले के कोटवा नारायणपुर से लेकर बक्सर पुल तक क्षत विक्षप्त व अधजले शव प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बन गए। सोमवार की रात से दूसरे दिन तक प्रशासन गंगा किनारे बह कर आए शवों का अंतिम संस्कार कराते हुए प्रशासनिक देखरेख में जेसीबी से गड्ढा खोदकर किया गया। डीएम अदिति सिंह ने शवों के आने के स्त्रोत का पता लगाने के लिए एसडीएम सदर व सीओ को जांच सौंपी है। शव के गंगा में बहकर आने से क्षेत्रीय लोगों की परेशानी बढ़ गई है। दुर्गंध से घाटाें की तरफ जाना दूभर हो गया है।

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देर रात गंगा घाटों पर शव दिखने की सूचना पुलिस को मिली। सूचना जवानों ने उच्चाधिकारियों को दिया। इससे प्रशासनिक अमले में खलबली मच गई। पुलिस ने रात 12 बजे से करीब एक दर्जन शवों को डोम राजा पुकार व उनके रिश्तेदारों को बुलाकर जेसीबी मशीन से गड्डा खोद कर दफन किया गया। चौकी इंचार्ज धर्मेंद्र सिंह लगातार रात से ही गंगा के किनारे सब को ढूंढ कर गड्ढा खोदकर दफनाने में लगे रहे। उम्मीद जताई जा रही है कि बिहार के जिले बक्सर श्मशान घाट की तरफ से नाव के माध्यम से सब को उत्तर प्रदेश की इस सीमा क्षेत्रों में बहाकर छोड़ दिया जा रहा है। ऐसे में यह पुलिस के लिए चुनौती बनता जा रहा है। वहीं बक्सर पुलिस इंकार कर रही है, जबकि तेजस्वी यादव ने अपने फेसबुक के जरिए बक्सर घाट के दुर्दशा का जिक्र किया था। ठीक उसी तरह के सुबह देखने को मिला। उजियार घाट पर पांच और भरौली में आए कुछ शवों को गंगा से निकालकर जेसीबी से खोदाई करने के बाद दफनाया गया। घाटों पर पुलिस की पैनी नजर बनी हुई है।

क्षेत्रीय लोग मान रहे बक्सर से आए शव

यूपी-बिहार की सीमा पर गंगा नदी में एकाएक क्षत विक्षप्त इनती संख्या में शव आने से क्षेत्रीय लोग भी परेशान है। लोगों का मानना है कि ये शव बक्सर की तरफ से आए है। वहां पर कोरोना मरीजों को मृतक के परिजन डोम को देकर चले जा रहे है। लकड़ी के अभाव में अधजले शवों को वह गंगा में बहा दे रहे है। ऐसे में शव उस क्षेत्र के नदी किनारे लग गए होंगे। ऐसे में तेजस्वी यादव के फेसबुक से वायरल होने पर शायद शवों को इधर ढकेल दिया गया होगा। इस तरह एक साथ इतने शवों के आने से लोग अवाक हो गए है।

गाजीपुर में टीम ने शवों को दफन कराया

गाजीपुर के करंडा के धरम्मरपुर और गहमर गंगा घाट के पास मंगलवार को दर्जनों उतराए हुए शव मिले। इससे जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन जेसीबी से गड्ढे खोदकर शव दफन किए गए। शवों को देख ग्रामीणों में भी दहशत का माहौल है। विभिन्न गंगा घाटों पर फोर्स तैनात कर दी गई है। गंगा में कई जगह उतराए शवों की सूचना पर जिला प्रशासन हरकत में आया। करंडा के धरम्मरपुर और गहमर गंगा पर कई शव मिले। अधिकतर शव सड़-गल गए थे और इनसे दुर्गंध आ रही थी। इससे आस-पास के लोगों का रहना मुश्किल हो गया। मंगलवार की सुबह एसडीएम सदर अनिरुद्ध प्रताप सिंह, एसपी सिटी गोपीनाथ सोनी तथा कई थानों के पुलिस कर्मी सहित राजस्व विभाग की टीम ने लगकर शवों को निकलवाकर दफन कराया। शवों की संख्या अधिक होने से पोकलैन मंगानी पड़ी। गंगा में किसी शव का प्रवाह न किया जा सके इसके लिए घाटों पर पुलिस बल की तैनाती के साथ ही टीम गठित कर सुबह, दोपहर, शाम रिवर पेट्रोलिंग शुरू कर दी गई है।


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