बेबी सूदर से बच्चा शांत हो जाएगा मगर शरीर में चुपचाप प्रवेश कर जाएंगी बीमारियां
मुंह में आते ही बच्चा भी शांत हो जाता है लेकिन क्या आप जानती हैं कि आपने बच्चे के मुंह में बेबी सूदर के साथ ही कई अनचाही सी बीमारियां भी डाल दी हैं।
वाराणसी (जेएनएन) । आपने कई छोटे बच्चों के मुंह में बेबी सूदर लगा देखा होगा। अक्सर जब बच्चा रोता है तो माताएं बच्चे के मुंह में शहद वाली बेबी सूदर डाल देती हैं। मुंह में आते ही बच्चा भी शांत हो जाता है लेकिन क्या आप जानती हैं कि आपने बच्चे के मुंह में बेबी सूदर के साथ ही कई बीमारियां भी डाल दी हैं। यह बच्चे के लिए बेहद नुकसान दायक है। इससे बच्चा कुपोषण का भी शिकार हो जाता है।
बढ़ जाता है इंफेक्शन का खतरा : बाल रोग विशेषज्ञ डा.कमल कुमार बताते हैं कि मां द्वारा बच्चे को चुप कराने के लिए बेबी सूदर नाम की तरकीब बहुत हानिकारक होती है। इतना ही नहीं दूध की बोतल और दंात निकलने पर बाजार में मिलने वाले खिलौने भी ठीक नहीं होते। इसे बच्चा दांतों से काटने का प्रयास करता है। ये भी बच्चे की जान के लिए मुसीबत है। बेबी सूदर पर बच्चा पर आश्रित हो जाता है। इससे इंफेक्शन का खतरा भी होता है क्योंकि जमीन पर गिरा बेबी सूदर भी उठाकर माताएं बच्चे के मुंह में डाल देती हैं। इससे बच्चे को डायरिया के साथ ही अन्य कई संक्रामक बीमारियां हो जाती हैं।
शीशी से न पिलाएं दूध : इस बात का ध्यान माताएं रखें कि जन्म से छह माह बाद बच्चे को कटोरी में चम्मच की सहायता से दूध पिलाना शुरू करें। वजह दूध की शीशी ठीक तरह से साफ न होने से बच्चा बीमार हो सकता है। अगर मजबूरी में शीशी से दूध पिलाना पड़ रहा है तो जरूरत के हिसाब से दूध लें। बच्चे के दूध पीने के बाद बचा दूध तुरंत फेंक दें। शीशी ब्रश से अच्छी तरह साफ करें ताकि डिटर्जेंट पूरी तरह निकल जाए। इसके बाद शीशी और उसकी कैप को 20 मिनट तक गर्म पानी में उबाल लें। दूध पिलाने के बाद हर बार इसी तरह सफाई करें। शीशी की सफाई में लापरवाही के कारण ही बच्चे डायरिया का शिकार हो जाते हैं। साथ ही पेट की कई बीमारियां भी उन्हें हो जाती हैं।
न चूसने दें अंगूठा : कई बार लोग बच्चों के मुंह में अपना हाथ डालकर कटवाते हैं। मगर इससे बच्चे के मुंह में गंदगी चली जाती है। इससे दस्त, उल्टी, डायरिया हो जाता है। सच यह है कि दांत निकलने पर बच्चों को दस्त या उल्टी नहीं होती बल्कि दांत कटवाने के कारण मुंह में गई गंदगी से होती है। अंगूठा चूसने से भी बच्चों को रोकें क्योंकि इससे दांत बाहर आ जाते हैं या फिर टेढ़े मेढ़े निकलने लगते हैं।