चोरी के 24 ट्रकों के पंजीयन में आरोपित बाबू को वाराणसी में गिरफ्तार कर भेजा जेल
चोरी के 24 ट्रकों के पंजीयन मामले में बड़ागांव पुलिस ने पंजीयन लिपिक सुरेश चंद्र मालवीय को गिरफ्तार कर मंगलवार को जेल भेज दिया।
वाराणसी, जेएनएन। चोरी के 24 ट्रकों के पंजीयन मामले में बड़ागांव पुलिस ने पंजीयन लिपिक सुरेश चंद्र मालवीय को गिरफ्तार कर मंगलवार को जेल भेज दिया। लिपिक से पूछताछ में एसआइटी को कई नई जानकारी मिली है। अब एसआइटी चोरी के वाहनों के पंजीयन कराने वाले गिरोह व एजेंट की तलाश में जुट गई है। एसआइटी मान रही है कि बनारस में सक्रिय इस गिरोह का नेटवर्क झारखंड, मध्यप्रदेश समेत कई प्रदेशों में है। दैनिक जागरण ने 25 दिसंबर को 'चेचिस और इंजन नंबर एक, गाड़ी नंबर अलग' तथा 30 दिसंबर-2019 को 'चोरी के 25 ट्रकों का हुआ पंजीयन' खबर प्रमुखता से प्रकाशित कर मामले को उजागर किया था।
इसके बाद उप परिवहन आयुक्त लक्ष्मीकात मिश्र के निर्देश पर तत्कालीन एआरटीओ सर्वेश कुमार सिंह ने बड़ागाव थाने में दो जनवरी को चोरी के 24 ट्रकों का पंजीयन कराने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इस बीच शासन ने चोरी के ट्रकों का पंजीयन करने के आरोप में तत्कालीन दोनों एआरटीओ तथा आरटीओ हरिशंकर सिंह ने पंजीयन लिपिक को निलंबित कर दिया था। जांच के क्रम में एसआइटी के निर्देश पर बड़ागांव पुलिस ने निलंबित बाबू को सोमवार की रात मीरजापुर के दुल्लापुर पडरी से गिरफ्तार किया। उससे रात में चार घंटे कई चरणों में पूछताछ की गई। थानाध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने बताया कि जांच में दोषी मिलने पर मुकदमा दर्ज कर पंजीयन लिपिक को जेल भेज दिया गया। यह कार्रवाई कोर्ट से आदेश पर की गई है। अन्य आरोपितों समेत इस गिरोह से जुड़े लोगों की तलाश की जा रही है।
तीन दिन पहले एआरटीओ से की थी पूछताछ एसआइटी ने तीन दिन पहले एआरटीओ से पूछताछ की थी। इस दौरान अपनी संलिप्तता से इन्कार करने पर एसआइटी ने एआरटीओ से अप्रूवल देने वाले के बारे में भी पूछा। सवाल किया कि एआरटीओ की लागिंग दूसरा कोई इस्तेमाल करता है क्या। इसका जवाब एआरटीओ के पास नहीं था। जनवरी-2018 से अब तक दूसरे राज्य से एनओसी लेकर आए वाहनों की जांच परिवहन विभाग ने की तो चोरी के सात वाहन और मिले जिसमें पांच ट्रक और दो टैक्सियां शामिल हैं। अब कुल चोरी के पंजीकृत वाहनों की संख्या 31 पहुंच गई है। कार्रवाई से कर्मचारियों में आक्रोश निलंबित पंजीयन लिपिक के गिरफ्तारी के बाद मंगलवार को परिवहन कार्यालय में सियापा था। अधिकारी और कर्मचारी पुलिस कार्रवाई पर चर्चा करते रहे। लिपिकों का कहना था कि वाहनों के पंजीयन में संबंधित कर्मचारी के बराबर ही अधिकारी की भी भूमिका होती है। यदि लिपिक को फंसाया गया तो कर्मचारी प्रदेश संगठन को अवगत कराने संग आंदोलन करेंगे।