12 दिनों से बाबा का द्वार और कारोबार बंद होने से रोजी रोटी का संकट, क्रमिक अनशन पर व्यापारी
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर एक और मुख्य द्वार बंद हुए 12 दिन हो गए। बाबा दरबार के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब मुख्य प्रवेश द्वार इतने दिनों से बंद है।
वाराणसी, जेएनएन। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर एक और मुख्य द्वार बंद हुए 12 दिन हो गए। बाबा दरबार के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब मुख्य प्रवेश द्वार इतने दिनों से बंद है। इससे श्रद्धालु मर्माहत तो हैैं ही ढूंढिराज गेट बंद करने के साथ ही दुकानें क्षतिग्रस्त किए जाने के विरोध में विश्वनाथ गली के व्यापारी भी पहले दिन से धरने पर हैैं। अन्नपूर्णा मंदिर द्वार पर सोमवार को सुनील अग्रहरि क्रमिक अनशन पर बैठे। इस दौरान बैठक में इसे अनिश्चित कालीन करने का निर्णय लिया गया। वक्ताओं ने कहा कि बड़े ही दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि रेड जोन की दुकानें और मंदिर का मुख्य द्वार बंद हुए 12 दिन हो गए। इसके बाद भी मंदिर के अधिकारी समस्या सुलझाने के बजाय मामले को पेचीदा बनाने के प्रयास मेें लगे हैैं। विश्वनाथ मंदिर के आसपास के ऐतिहासिक क्षेत्र को संरक्षित करने के बजाय बर्बाद किया जा रहा है। एक तरफ बाबा भक्तों के लिए मंदिर का मुख्य द्वार बंद है तो दूसरी तरफ आजीविका के लिए संघर्ष कर रहे व्यापारियों का कारोबार बंद है। इससे त्योहारी सीजन में भूखमरी की नौबत आ गई है। धरना स्थल पर महेश चंद्र मिश्रा, सोनालाल सेठ, नवीन गिरी, किशन अग्रहरि, राजेश अग्रवाल, भानू मिश्रा, गजानंद झा, राम कुमार, वैभव मिश्रा, चंदन, महेश पटेल, दीपक सैनी, मुकेश बैरागी, विशाल यादव, शांतनु यादव, गुंजन जायसवाल आदि थे।