पोषण स्तर में करो सुधार, आशा, एएनएम को सरकार करेगी सम्मानित
समाज में कुपोषण स्तर को सुधारने में अहम भूमिका निभाने वालीं आशा,एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित अधिकारियेां को सरकार सम्मानित करेगी।
जागरण (जयप्रकाश पांडेय): समाज में कुपोषण स्तर को सुधारने में अहम भूमिका निभाने वालीं आशा, आगनबाड़ी और एएनएम के साथ ही अधिकारियों को भी राज्यस्तर पर पुरस्कृत कर सम्मानित किया जाएगा। उनके द्वारा अक्टूबर 2018 से मार्च 2019 के बीच किए गए कार्यो को आधार बनाया जाएगा। इसके लिए उनके द्वारा किए गए कायरें के लिए अलग-अलग अंक निर्धारित किए गए हैं। उनका चयन राज्य स्तर पर गठित समिति करेगी। इस आशय का पत्र राज्य पोषण मिशन की महानिदेशक मोनिका एस गर्ग ने प्रदेश के सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को भेजा है। पत्र के मुताबिक पोषण के स्तर में आमूलचूल सुधार लाने वाले प्रदेश के सात जिला कार्यक्रम अधिकारियों, 15 बाल विकास परियोजना अधिकारियों, 50 मुख्य सेविकाओं, 100 आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और एएनएम, आशा व आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की 10 टीम को पुरस्कृत किया जाएगा। इसके अलावा उत्कृष्ट कार्य करने वाले पाच जिलाधिकारियों को भी सम्मानित किया जाएगा, जिसके लिए तीन मानक तय किए गए हैं। यह मानक हैं- जनपद में कुपोषण स्तर में सार्थक कमी लाना, जनपद में एनीमिया के स्तर में अर्थपूर्ण कमी लाना और पोषण अभियान के अंतर्गत किए गए इनोवेशन या नवीन प्रयास।
पुरस्कार देने के लिए मानकों में सुधार का मूल्याकन सर्वे के आधार पर किया जाएगा। बेसलाइन पोषण माह सितंबर 2018 में विभाग द्वारा किया गया सर्वे होगा और सुधार का आकलन अप्रैल 2019 में विभाग द्वारा किए जाने वाले सर्वे के आधार पर किया जाएगा। कायरें के मानकों के आधार पर 70 फीसद से अधिक अंक पाने वाले ही पुरस्कार के लिए अर्ह माने जाएंगे। अर्ह कर्मचारियों का चयन राज्य स्तर पर बनी समिति करेगी। महानिदेशक के पत्र के मुताबिक इसके अलावा आईसीडीएस-कैस प्रणाली के सफल क्रियान्वयन के लिए भी प्रदेश के तीन सर्वश्रेष्ठ जिला कार्यक्रम अधिकारियों, हर जिले की सर्वश्रेष्ठ बाल विकास परियोजना अधिकारी और हर जनपद की पाच सर्वश्रेष्ठ आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित किया जाएगा। पोषण अभियान के अंतर्गत संपादित होने वालीं गतिविधियों की पूर्णता का आकलन करने के लिए यह अनुश्रवण प्रणाली बनी है। जनवरी 2019 तक जिन जिलों में यह प्रणाली लागू कर दी जाएगी उन जिलों में कैस डैशबोर्ड पर कम से कम 80 फीसद आकड़ों की उपलब्धता और गुणवत्ता के आधार पर यह पुरस्कार दिए जाएंगे। सरकार के इस फैसले से अधिकारियों और कर्मचारियों में कार्य के प्रति समर्पण बढे़गा। इसके अलावा उनका मनोबल बढ़ाने में भी यह योजना बहुत ही सार्थक साबित होगी। इस बारे में जिले की सभी बाल विकास परियोजना अधिकारियों, मुख्य सेविकाओं और आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी सूचित किया जा रहा है।
-मंजू वर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी