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सोनभद्र में फर्जी रिलीज आर्डर पर थाने से 128 ओवरलोड ट्रकों को छुड़ाने पर एआरटीओ ने मुकदमा दर्ज कराने में भी किया खेल

सोनभद्र में फर्जी रिलीज आर्डर पर थाने से 128 ओवरलोड ट्रकों को छुड़ाने (अवमुक्त) के मामले में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) ने मुकदमा दर्ज कराने में भी खेल किया है। एआरटीओ ने ट्रक नंबर से थाने में मुकदमा दर्ज नहीं कराया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 13 Aug 2022 08:39 PM (IST)Updated: Sat, 13 Aug 2022 08:39 PM (IST)
सोनभद्र में फर्जी रिलीज आर्डर पर थाने से 128 ओवरलोड ट्रकों को छुड़ाने पर एआरटीओ ने मुकदमा दर्ज कराने में भी किया खेल
सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) ने मुकदमा दर्ज कराने में भी खेल किया है।

वाराणसी, जेपी पांडेय : सोनभद्र में फर्जी रिलीज आर्डर पर थाने से 128 ओवरलोड ट्रकों को छुड़ाने (अवमुक्त) के मामले में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) ने मुकदमा दर्ज कराने में भी खेल किया है। एआरटीओ ने ट्रक नंबर से थाने में मुकदमा दर्ज नहीं कराया। पुलिस अज्ञात नाम और पते पर जांच शुरू कर दी है जिससे उसे परेशानी हो रही है। सवाल उठा रहा है कि एआरटीओ ने ट्रक नंबर के साथ नाम व पूरे पते के साथ मुकदमा दर्ज क्यों नहीं कराया। जबकि, एक सामान्य व्यक्ति को परिवहन एप पर जाने से पूरा ब्यौरा मिल जाता है।

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सोनभद्र के चार थानों और एक पुलिस चौकी से पिछले माह 128 ओवरलोड ट्रकें फर्जी रिलीज आर्डर के सहारे छूट गई। मामला प्रकाश में आया तो परिवहन विभाग के साथ पुलिस के होश उड़ गए। दोनों विभागों ने पहले अपने स्तर से मामले को दबाने का प्रयास किया लेकिन ऐसा हो नहीं सका। मीडिया में मामला आते ही एआरटीओ पीएस राय ने चारों थानों और पुलिस चौकी में फर्जी रिलीज आर्डर पर छूटे ट्रक नंबर के सहारे मुकदमा दर्ज करा दिया।

इन धाराओं में दर्ज है मुकदमा

419, 420, 467, 468 और 471

ट्रक नंबर नाम व पता

यूपी-67टी-9874 प्रमोद कुमार यादव- बसिला चंदौली

यूपी-61एटी-7979 सद्दाम हुसैन- मोहम्मदाबाद, यूसूफपुर, गाजीपुर

यूपी-63टी-8436 जानकी देवी- बरकछा, मीरजापुर

यूपी-51एटी-0939 घनश्याम यादव-सिविल लाइन, प्रयागराज

यूपी-61टी-6731 होती- देवकठिया, जंगीपुर गाजीपुर

सवालों में परिवहन अधिकारी

परिवहन अधिकारी कोई भी वाहन बंद करने के साथ मौके पर मौजूद चालक का नाम और पूरा पता दर्ज करते हैं, यदि चालक नहीं है तो मालिक का। चालान या सीज करने के दौरान एक पेपर उसे देते हैं। उसका मौके पर फोटो तक खींचते हैं जिससे चालक या मालिक झूठ नहीं बोल सके। फिर भी एआरटीओ ने चालक का नाम शो करना मुनासिब नहीं समझा। कई सवाल ऐसे हैं जो परिवहन अधिकारी को सवालों के घेरे में खड़ा करता है।


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