वाराणसी में 'कृत्रिम फेफड़ा' बताएगा अगले एक पखवारे में वायु प्रदूषण की भयावहता का हाल
वाराणसी में बढ़ते प्रदूषण की भयावहता को दिखाने के लिए केयर फॉर एयर संस्था की ओर से हथुआ मार्केट लहुराबीर रोड चेतगंज में एक कृत्रिम फेफड़ा लगाया जा रहा है।
वाराणसी, जेएनएन। शहर में बढ़ते प्रदूषण की भयावहता को दिखाने के लिए केयर फॉर एयर संस्था की ओर से हथुआ मार्केट, लहुराबीर रोड, चेतगंज में एक कृत्रिम फेफड़ा लगाया जा रहा है। इसके जरिए पखवारे भर में शहर के प्रदूषण से किस तरह मानव का फेफड़ा प्रभावित हो रहा है यह प्रदर्शित किया जाएगा। यह कृत्रिम फेफड़ा उच्च दक्षता वाले वायु फिल्टर से बना हुआ है, जिसे हेपा फिल्टर कहते हैं। क्लाइमेट एजेंडा की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम की अभियानकर्ता एकता शेखर के अनुसार देश भर में बढ़ता वायु प्रदूषण अब एक स्वास्थ्य आपातकाल के हालात पैदा कर चुका है और जन स्वास्थ्य के विरुद्ध एक बड़े खतरे के रूप में पहचाना जा रहा है।
बताया कि हाल ही में जारी विभिन्न रिपोर्टों में दिए गए आंकडों की भयावहता ने आपका ध्यान जरूर खींचा होगा। आम लोगों के बीच इन्हीं परिस्थितियों को स्पष्ट दिखाने की कोशिश में वाराणसी जिले में सांस ले सकने वाला कृत्रिम फेफड़ा स्थापित किया गया है। प्रदूषण का असर झेलते हुए अगले दस से पंद्रह दिनों में सफेद से काले रंग में बदल जाने वाले इन फेफडों को देखकर लोगों के बीच वायु प्रदूषण को लेकर बेहतर समझ पैदा हो सकेगी। बताया कि अगले दस दिनों तक की इस गतिविधि में शहर भर से लोग जुडेंगे।
बीते वर्षों में वाराणसी शहर देश ही नहीं बल्कि विश्व के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में शामिल हो चुका है। ऐसे में विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भी शहर के लोगाें को वायु प्रदूषण के लिए जागरुक करने के क्रम में विभिन्न अभियान संचालित किए हैं। वायु प्रदूषण को लेकर आयोजित होने वाला यह कार्यक्रम पूर्व में भी दूसरे प्रदूषित शहरों में चर्चा में रह चुका है। इस कृत्रिम फेफडे़ के माध्यम से शहर के लोगों को वायु प्रदूषण के प्रति सजग और जागरुक करने में भी मदद मिलने की उम्मीद है। अभियान कर्ता टीम ने इसके लिए शहर के व्यस्ततम और सघन इलाके का चयन किया है ताकि शहर के भीतर बसे लोगों को अपने फेफड़ों को सुरक्षित और संरक्षित रखने के लिए भी चिंता हो। साथ ही आने वाली पीढियों को भी स्वस्थ प्राण वायु मिल सके।