सर्वविद्या की नगरी मे विद्यावारिधि की आराधना
वाराणसी : माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी पर सोमवार को धर्मानुरागी काशीवासियो ने वसंत पंचमी मनाई।
By Edited By: Published: Mon, 22 Jan 2018 10:17 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jan 2018 10:22 AM (IST)
जागरण संवाददाता, वाराणसी : माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी पर सोमवार को धर्मानुरागी काशीवासियो ने वसंत पंचमी मनाई। विद्या-बुद्धि और वाणी की देवी माता सरस्वती के प्रति श्रद्धा दिखाई। घरो से लेकर मंदिरो तक रच-रच कर श्रृंगार किए। पीले परिधान धारण कर पीले फल-फूल और मिष्ठान से पूजन-अनुष्ठान किए। गली-मोहल्लो मे पंडाल स्थापित कर देवी को विराजमान कराया गया। वेद मंत्रो के बीच पूजन-हवन किया गया और मातारानी की जयकार से चहुंदिशाएं गूंजती रही। शाम के साथ ही विद्युत झालरो व भजनो की झंकार ने गांव से लेकर शहर तक भक्ति गंगा बहाई। वसंत पंचमी की रंगत सुबह से गलियो-सड़को पर बिखर आई। पीत वस्त्र धारण किए महिला-पुरुष व बच्चो ने सरस्वती मंदिरो मे पूजा आराधना की। घरो मे पूजा आराधना के बाद बच्चो ने स्कूलो का रूख किया। यहां के साथ ही पंडालो मे भी लोगो ने सामूहिक पूजन-अनुष्ठान किया। गंगा मे लगी पुण्य की डुबकी माघ मास के चौथे प्रमुख स्नान वसंत पंचमी पर सोमवार को श्रद्धालुओ ने गंगा मे पुण्य की डुबकी लगाई। इसके लिए भोर से ही घाटो की ओर रेला उमड़ पड़ा। दशाश्वमेध, शीतला घाट, अस्सीघाट, पंचगंगा घाट, भैसासुर घाट समेत अन्य घाटो पर खूब भीड़ रही। लोगो ने स्नान-दान के साथ ही देवालयो मे दर्शन-पूजन भी किया। परंपरानुसार गाड़ी गई होलिका वसंत पंचमी पर परंपरानुसार गांव-मोहल्लो मे होलिका के लिए रेड़ गाड़ी गई। नियत स्थान पर गढ्डा खोद कर पान-सुपाड़ी-दक्षिणा आदि रखकर होलिका का श्रीगणेश किया गया। इस दौरान कई स्थानों पर परंपरा के अनुसार होली व धमार गायन भी किया गया।
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