Lockdown फतेहपुर से 200 मजदूरों को चंदौली छोड़कर चली गई रोडवेज बस, बिहार भेजने का किया इंतजाम
बिहार के औरंगाबाद गया व नेवादा निवासी 200 श्रमिक वापस लौट रहे थे। श्रमिकों को घर जाने के लिए स्थानीय प्रशासन की ओर से रोडवेज की बसों का इंतजाम किया गया था।
चंदौली, जेएनएन। नगर में शनिवार की सुबह दस बजे अचानक रोडवेज की चार बसें रुकीं और उनमें से धड़ाधड़ दो सौ श्रमिक उतर गए। अचानक इतने लोगों को देखकर आसपास के लोग अवाक रह गए। सूचना पुलिस को मिली तो बड़ी संख्या में फोर्स पहुंच गई। श्रमिकों ने बताया कि वे फतेहपुर से बसों से आए हैं और बिहार के नेवादा, गया, औरंगाबाद जिला जाना है। यूपी सरकार ने बसों से उन्हें चंदौली जिले तक भेजा है, लेकिन बस चालक उन्हें बार्डर तक नहीं पहुंचा रहा। एसएचओ ने सभी को बसों में बैठवाकर चालकों से जानकारी ली। रोडवेज के आरम से बात कर सभी को यूपी बार्डर तक भेजने का इंतजाम कराया।
फतेहपुर के समीप एनटीपीसी के प्लांट में मजदूरी का कार्य करते हैं बिहार के लोग
बिहार के लोग फतेहपुर के समीप एनटीपीसी के प्लांट में मजदूरी का कार्य करते हैं। कोरोना के लॉकडाउन के चलते फैक्ट्रियां बंद हो गई हैं। ऐसे में बिहार के औरंगाबाद, गया व नेवादा निवासी 200 श्रमिक वापस लौट रहे थे। श्रमिकों को घर जाने के लिए स्थानीय प्रशासन की ओर से रोडवेज की बसों का इंतजाम किया गया था। बसें शनिवार की सुबह मजदूरों को लेकर चंदौली पहुंची। यहां पहुंचते ही चालकों ने बसें रोक दीं और मजदूरों को सीमा तक न पहुंचाने की बात कहते हुए उतार दिया। अचानक इतने लोगों को बसों से उतरता देखकर लोग जुट गए। लोगों ने मजदूरों से पूछा तो उन्होंने अपनी समस्या बताई। इस पर लोगों ने फोनकर पुलिस को सूचित किया। कोतवाल गोपाल जी गुप्ता दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने तत्काल रोडवेज के आरएम से बात की। वहीं बस चालकों को समझा-बुझाकर मजदूरों को दोबारा बस में बैठाकर नौबतपुर बार्डर तक भेजा। यहां से सभी मजदूरों को दूसरे वाहनों में बैठाकर गंतव्य के लिए रवाना किया गया।