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रणबांकुरो की शहादत को किया सलाम

जागरण संवाददाता, वाराणसी : सेना दिवस के अवसर पर सोमवार को 39 जीटीसी परेड ग्राउंड स्थित शहीद

By Edited By: Published: Mon, 15 Jan 2018 09:47 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jan 2018 12:45 PM (IST)
रणबांकुरो की शहादत को किया सलाम
रणबांकुरो की शहादत को किया सलाम

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जागरण संवाददाता, वाराणसी : सेना दिवस के अवसर पर सोमवार को 39 जीटीसी परेड ग्राउंड स्थित शहीद स्मारक पर जुटे लोगो ने रणबांकुरो की शहादत को सलाम किया। उनकी वीरता की याद की। ब्रिगेडियर एसए रहमान ने शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित करने के साथ विशेष सलामी ली। आज से 69 वर्ष पहले 15 जनवरी 1949 को भारतीय सेना के ब्रिटिश सेना से पूरी तरह मुक्त होने के उपलक्ष्य मे 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है। इस दौरान गाजीपुर के विजय यादव, आरएन सिंह, अनवरुद्दीन, एनए भगत और सीएन भारती सहित दर्जनो पूर्व सैनिको से ब्रिगेडियर एसए रहमान ने बात की। उनका हाल जाना व उन्हे सेना दिवस की बधाई दी। ब्रिगेडियर एसए रहमान ने कहा कि भारतीय सेना रणबांकुरो की शहादत के कारण ही ब्रिटिश सेना से मुक्त हो पाई। कार्यक्रम मे यूनिट के पाइप बैड ने जब सलामी व देशभक्ति की धुन छेड़ी तो लोगो का रोम-रोम पुलकित हो उठा। बरबस ही लोगो की तालियां बजने लगी। मौके पर डिप्टी कमांडेंट कर्नल रघुनाथन नायर, ट्रेनिंग बटालियन कमांडेट कर्नल भूपाल सिंह, ले. कर्नल अजीत कुमार, सेना भर्ती निदेशक कर्नल मनीष धवन, ले. कर्नल राजीव कुमार, सैनिक हास्पिटल के सीओ कर्नल अभिषेक कुमार सहित अन्य अधिकारी व सैनिक मौजूद रहे।

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इनसेट

15 जनवरी को केएम करिअप्पा बने थे भारतीय सेना के कमाडर-इन-चीफ 15 जनवरी 1949 को केएम करिअप्पा को भारतीय सेना का कमाडर-इन-चीफ नियुक्त किया गया था। इस तरह लेफ्टिनेट करिअप्पा लोकतात्रिक भारत के पहले सेना प्रमुख बने थे। बाद मे करिअप्पा फील्ड मार्शल बने। इसके पहले यह अधिकार ब्रिटिश मूल के फ्रांसिस बूचर के पास था।


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