Move to Jagran APP

डाफी टोल प्लाजा पर फास्टैग के नाम पर मनमानी, लठैतों और गनमैन की गुंडई से लग रहा है लंबा जाम

देश में सभी टोल प्लाजा पर 15 दिसंबर से फास्टैग से टोल वसूली शुरू कर दी गई। इसके विपरीत डाफी स्थित प्लाजा पर टोल के नाम पर जनता के हाथ छलावा ही लगा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 18 Dec 2019 01:27 PM (IST)Updated: Thu, 19 Dec 2019 10:05 AM (IST)
डाफी टोल प्लाजा पर फास्टैग के नाम पर मनमानी, लठैतों और गनमैन की गुंडई से लग रहा है लंबा जाम
डाफी टोल प्लाजा पर फास्टैग के नाम पर मनमानी, लठैतों और गनमैन की गुंडई से लग रहा है लंबा जाम

वाराणसी, जेएनएन। देश में सभी टोल प्लाजा पर 15 दिसंबर से फास्टैग से टोल वसूली शुरू कर दी गई। इसके विपरीत डाफी स्थित प्लाजा पर टोल के नाम पर जनता के हाथ छलावा ही लगा है। हालत यह है कि फास्टैग लगाने वाले उपभोक्ताओं से सर्वर और स्कैनर की खराबी के कारण मनमानी की जा रही है। मनमानी का आलम तो यह है की यहां गनमैन और लठैतों की टीम जिसके पर मेहरबान है वो किसी भी लेन से जा सकता है नहीं तो लाठी के दम पर फास्टैग लगे रहने के बाद भी उसको वापस लौटाया जा रहा है।

loksabha election banner

मंगलवार को दोपहर 3.35 बजे डाफी टोल प्लाजा के औरंगाबाद जाने वाली लेन नंबर पांच में इंडियन ऑयल का टैंकर फास्टैग लगा कर पहुंचा। टैंकर प्रयागराज और गोपीगंज में फास्टैग से पास हुआ जबकि यहां रोक दिया गया। ये कहकर रोका गया कि उसके फास्टैग में बैलेंस नहीं है, जबकि उसने रिचार्ज का मैसेज भी दिखाया। लठैतों की टीम ने टैंकर को लेन से वापस किया। परिणामस्वरूप वहां भारी जाम लग गया। इसी लेन में टाटा यूटिलिटी कंपनी का ट्रेलर पहुंचा तो उसे रोका दिया। चालक ने बताया कि कंपनी की 600 गाडिय़ों में फास्टैग लगा है। उससे दोगुना शुल्क वसूली के लिए किचकिच शुरू हुई। परिणामस्वरूप जाम की कतार कई किलोमीटर तक लंबी हो गई।

स्कैनर फेल तो हाथ की मशीन से काम

फास्टैग की लेन पांच में शाम चार बजे भभुआ बिहार के रहनेवाले विपिन राय परिवार के साथ बोलेरो से जा रहे थे। फास्टैग भी लगा था लेकिन जाम से किसी तरह टोलबूथ पहुंचे तो स्कैनर ने स्कैन नहीं किया। कर्मी बदसलूकी पर उतारू हो गए तो परिवार के साथ इज्जत बचाते हुए शर्मिंदगी के साथ निकलना पड़ा। औरंगाबाद से वाराणसी की लेन नंबर चार में ट्रक फास्टैग लगा कर पहुंचा। स्कैनर ने स्कैन नहीं किया। काफी देर तक बहस के बाद हाथ की मशीन से चेक करने पर सही निकला तब वो पास हुआ।

नौ लेन में मात्र चार फास्टैग युक्त

कहने को डाफी टोल प्लाजा पर सभी लेन फास्टैगयुक्त हो गईं हैं लेकिन लोग त्रस्त हैं। घोषणा हुई थी कि सिर्फ दो लेन ही कैश की होगी जबकि यहां सभी लेन में मनमानी से कैश चल रहा है। हकीकत तो ये है कि वाराणसी से औरंगाबाद जाने वाली 5 और 6 नंबर की लेन और औरंगाबाद से वाराणसी के लिए 3 और 4 नंबर को फास्टैग के लिए सुरक्षित किया गया है।

जाम से बचने के लिए 16 लेन की आवश्यकता

डाफी टोल प्लाजा पर गाडिय़ों के दबाव के कारण रोज जाम लगता है। नौ सालों में टोल वसूली दोगुना से भी ज्यादा हो गई लेकिन स्थायी प्लाजा नहीं बन पाया। जानकार बताते हैं कि जब तक 16 लेन की व्यवस्था नहीं होगी तब तक जाम लगता रहेगा और फास्टैग जैसी सुविधाएं जनता के साथ छलावा मात्र रहेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.