आजमगढ़ के मोहब्बतपुर में विश्वविद्यालय स्थापना के लिए चिह्नित भूमि को मिली स्वीकृति Azamgarh news
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्वत संज्ञान में लेने के बाद जिले में विश्वविद्यालय स्थापना की सभी अड़चन लगभग समाप्त हो गई हैं।
By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 03 Sep 2019 07:52 AM (IST)Updated: Tue, 03 Sep 2019 07:52 AM (IST)
आजमगढ़, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्वत: संज्ञान में लेने के बाद जिले में विश्वविद्यालय स्थापना की सभी अड़चन लगभग समाप्त हो गई हैं। जिला प्रशासन द्वारा चिह्नित भूमि को मुख्य सचिव की तरफ से सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई है। जल्द ही आदेश जिला प्रशासन को भेज दिया जाएगा। इसके बाद विश्वविद्यालय के नाम जमीन कर दी जाएगी। साथ ही अवशेष भूमि को किसानों से सहमति के आधार पर खरीदे जाने को कैबिनेट से मंजूरी मिल जाएगी। आदेश मिलते ही भूमि क्रय की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
17वीं लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पूर्व जनपदवासियों ने विश्वविद्यालय स्थापना के लिए पूरे जिले में हस्ताक्षर अभियान चलाया। बाद अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। चुनाव की अधिसूचना जारी होने के पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वादे के मुताबिक कैबिनेट की बैठक में विश्वविद्यालय स्थापना की मंजूरी दे दी। इसके बाद शासन ने विश्वविद्यालय स्थापना के लिए 48 एकड़ ग्रामसभा की भूमि चिह्नित कर प्रस्ताव मांगा था। तत्कालीन जिलाधिकारी के निर्देश पर सभी एसडीएम ने अपने-अपने कार्यक्षेत्र में एक स्थान पर 48 एकड़ ग्रामसभा की भूमि न मिलने की रिपोर्ट दे दी। इसके बाद यही आख्या शासन को भेज दी गई। कुछ दिन बाद शासन से पुन: भूमि तलाश चिह्नित करने के लिए रिमाइंडर भेजा गया। जिलाधिकारी ने इसके लिए सीआरओ के नेतृत्व में एसडीएम सदर एवं एसओसी चकंबदी की टीम गठित की। ब्लाक सठियांव के मोहब्बतपुर में लगभग 37.50 एकड़ ग्रामसभा की भूमि चिह्नित की गई। 48 एकड़ का मानक पूरा करने लिए शेष 11.50 एकड़ और लगभग छह एकड़ रास्ते के लिए भूमि खरीद की सहमति किसानों ने दी है। नजरी नक्शा सहित प्रस्तावित भूमि का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है।
बोले जिलाधिकारी
'मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय स्थापना के लिए भूमि की उपलब्धता के संबंध में खुद जानकारी ली थी। बताया दिया गया कि लगभग 38 एकड़ भूमि चिह्नित कर मानचित्र सहित उसकी पूरी रिपोर्ट भेज दी गई है। मुख्य सचिव ने भी मोहब्बतपुर में चिह्नित 38 एकड़ भूमि को सैद्धांतिक सहमति दे दी है। उनका आदेश मिलते ही चिह्नित भूमि विश्वविद्यालय के नाम कर दी जाएगी। शेष किसानों से क्रय की जाने वाली भूमि की मंजूरी कैबिनेट की बैठक में मिलेगी। -नागेंद्र प्रसाद सिंह, जिलाधिकारी, आजमगढ़।
17वीं लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पूर्व जनपदवासियों ने विश्वविद्यालय स्थापना के लिए पूरे जिले में हस्ताक्षर अभियान चलाया। बाद अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। चुनाव की अधिसूचना जारी होने के पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वादे के मुताबिक कैबिनेट की बैठक में विश्वविद्यालय स्थापना की मंजूरी दे दी। इसके बाद शासन ने विश्वविद्यालय स्थापना के लिए 48 एकड़ ग्रामसभा की भूमि चिह्नित कर प्रस्ताव मांगा था। तत्कालीन जिलाधिकारी के निर्देश पर सभी एसडीएम ने अपने-अपने कार्यक्षेत्र में एक स्थान पर 48 एकड़ ग्रामसभा की भूमि न मिलने की रिपोर्ट दे दी। इसके बाद यही आख्या शासन को भेज दी गई। कुछ दिन बाद शासन से पुन: भूमि तलाश चिह्नित करने के लिए रिमाइंडर भेजा गया। जिलाधिकारी ने इसके लिए सीआरओ के नेतृत्व में एसडीएम सदर एवं एसओसी चकंबदी की टीम गठित की। ब्लाक सठियांव के मोहब्बतपुर में लगभग 37.50 एकड़ ग्रामसभा की भूमि चिह्नित की गई। 48 एकड़ का मानक पूरा करने लिए शेष 11.50 एकड़ और लगभग छह एकड़ रास्ते के लिए भूमि खरीद की सहमति किसानों ने दी है। नजरी नक्शा सहित प्रस्तावित भूमि का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है।
बोले जिलाधिकारी
'मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय स्थापना के लिए भूमि की उपलब्धता के संबंध में खुद जानकारी ली थी। बताया दिया गया कि लगभग 38 एकड़ भूमि चिह्नित कर मानचित्र सहित उसकी पूरी रिपोर्ट भेज दी गई है। मुख्य सचिव ने भी मोहब्बतपुर में चिह्नित 38 एकड़ भूमि को सैद्धांतिक सहमति दे दी है। उनका आदेश मिलते ही चिह्नित भूमि विश्वविद्यालय के नाम कर दी जाएगी। शेष किसानों से क्रय की जाने वाली भूमि की मंजूरी कैबिनेट की बैठक में मिलेगी। -नागेंद्र प्रसाद सिंह, जिलाधिकारी, आजमगढ़।
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