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टूटी परंपराः बेटी-बहुओं और गांव की महिलाओं ने दिया मां की अर्थी को कंधा

चिरईगांव ब्लाक के बरियासनपुर गांव में रविवार को 95 वर्षीय संतोरा देवी का निधन हो गया। बेटी पुष्पावती ने मां की अर्थी को कंधा देकर शवयात्रा निकाली।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sun, 22 Jul 2018 10:30 PM (IST)Updated: Sun, 22 Jul 2018 11:38 PM (IST)
टूटी परंपराः बेटी-बहुओं और गांव की महिलाओं ने दिया मां की अर्थी को कंधा
टूटी परंपराः बेटी-बहुओं और गांव की महिलाओं ने दिया मां की अर्थी को कंधा

वाराणसी (जेएनएन)। चिरईगांव ब्लाक के बरियासनपुर गांव में रविवार को 95 वर्षीय संतोरा देवी का निधन हो गया। उनकी इकलौती बेटी पुष्पावती पटेल ने मां की अर्थी को न सिर्फ कंधा देने का निर्णय लिया, बल्कि बहुओं व पड़ोसी महिलाओं ने शवयात्रा भी निकाली। मृतका के दो पुत्र मौके पर ही उपस्थित थे, सामाजिक मर्यादा की दुहाई देते हुए समझाने का प्रयास किया लेकिन बेटी की जिद के आगे लोगों की एक भी नहीं चली।

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शव यात्रा बरियासनपुर से निकलकर एक किलोमीटर आगे चिरईगांव विकास खंड मुख्यालय तक गई और सरायमोहाना घाट पर अंतिम संस्कार हुआ। सालों पहले मृतका के पति के निधन के वक्त संतोरा ने नेत्रदान का संकल्प लिया था, यह भी कहा था कि मरने के बाद उसकी अर्थी को कंधा इकलौती बेटी ही देगी, ताकि समाज का यह मिथक टूटे कि बेटा ही अर्थी को कंधा दे सकता है। मरणोपरांत बुजुर्ग महिला ने नेत्रदान कर अपना संकल्प पूरा किया। शवयात्रा में महिला की तीनों बहुएं प्रभावती, अमरावती, कलावती के साथ ही गांव की शशिदेवी, आरती, इंदु व कुसुम समेत दर्जनों महिलाओं के साथ ही ग्राम प्रधान देवराज पटेल, वालकिशुन, सुशील, चंद्र बली, सुभाष आदि शामिल रहे।


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