बलिया जिले में नहीं मिल रहा है एंटी रैबीज का इंजेक्शन, नासूर बनने लगे रैबीज के जख्म
बलिया जनपद के कई अस्पतालों पर अभी भी एंटी रैबीज इंजेक्शन नहीं हैं। मरीजों को बाहर की दुकानों से यह इंजेक्शन खरीदनी पड़ रही है। चिकित्सकों का कहना है कि कुत्ते बंदर आदि के काटने के 24 घंटे में एंटी रेबीज का इंजेक्शन लग जाना चाहिए।
बलिया, जेएनएन। जनपद के कई अस्पतालों पर अभी भी एंटी रैबीज इंजेक्शन नहीं हैं। मरीजों को बाहर की दुकानों से यह इंजेक्शन खरीदनी पड़ रही है। चिकित्सकों का कहना है कि कुत्ते, बंदर आदि के काटने के 24 घंटे में एंटी रेबीज का इंजेक्शन लग जाना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर संबंधित मरीज को आगे चलकर दिक्कत हो सकती है। शरीर में रैबीज फैलने का खतरा बढ़ जाएगा। जनपद में 18 सीएचसी, 13 पीएचसी, 66 न्यू पीएचसी और 02 अरबन अस्पताल हैं। इनमें बहुत से अस्पतालों में तो एंटी रैबीज इंजेक्शन रखने की सुविधा भी नहीं दी गई है। ब्लाक स्तरीय पीएचसी ओर सीएचसी केंद्रों पर ही यह सुविधा है।
केस 1 : रेवती के सीएचसी पर एंटी रैबीज इंजेक्शन के लिए त्रिकालपुर निवासी हरेंद्र कुमार व हडिय़ा कला निवासी लक्ष्मण प्रसाद दो दिनों से जा रहे हैं लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। तीसरे दिन उन्हें खर्च कर बलिया के जिला अस्पताल पहुंचना पड़ा।
केस 2 : चिलकहर के अस्पताल पर भादपा के निवासी ब्रम्हदेव प्रजापति व चिलकहर निवासी रामाशंकर पासवान चार दिनों तक एंटी रैबीज इंजेक्शन के लिए अस्पताल पर पहुंचते रहे लेकिन उन्हें इंजेक्शन नहीं मिला। अंतत: चार दिनों के बाद दोनों लोगों को जिला अस्पताल पहुंचकर यह इंजेक्शन लगवाना पड़ा।
स्वास्थ्य केंद्रों पर एंटी रैबीज की पड़ताल
एंटी रैबीज की पड़ताल करने पर जिला मुख्यालय के आखिरी छोर पर बिल्थरारोड नगर के बीच संचालित सीएचसी सीयर पर एंटी रैबिज इंजेक्शन लगवाने को हर दिन करीब 35 से 40 मरीजों की भीड़ लगती है। जबकि यहां इंजेक्शन 20 लोगों के लिए उपलब्ध होता है। शेष लोग अपना नंबर आने के लिए अस्पताल का चक्कर लगा रहे हैं। चिलकहर पीएचसी, नरही सीएचसी पर भी यह इंजेक्शन नहीं हैं। सीएचसी बांसडीह पर एंटी रैबीज इंजेक्शन का सौ डोज मिला था लेेकिन मंगलवार से वहां भी एंटी रैबीज इंजेक्शन खत्म हो गया है। सीएसी रसड़ा मेें 16 मार्च से एंटी रेबीज का इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है। अन्य दर्जनों स्थानों पर भी यही हाल है।
बोले सीएमओ
एक माह पहले एंटी रैबीज इंजेक्शन की दिक्कत थी लेकिन अब कोई दिक्कत नहीं हैं। यह सुविधा केवल ब्लाक स्तरीय पीएचसी और सीएचसी केंद्रों पर है। जहां से जैसा डिमांड आता है, उस अनुपात पर एंटी रैबीज के डोज भेज दिए जाते हैं। ---- डा. राजेंद्र प्रसाद, सीएमओ