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वाराणसी में निजी चहारदीवारी में कैद गोवंशों के मरने का सिलसिला जारी, नहीं बने गोवंश आश्रय स्‍थल

चिरईगाव विकास खंड में छुट्टा पशुओं को रखने के लिए अभी तक गोवंश आश्रय स्थल नहीं बने हैं।

By Edited By: Published: Tue, 24 Dec 2019 02:08 AM (IST)Updated: Tue, 24 Dec 2019 01:33 PM (IST)
वाराणसी में निजी चहारदीवारी में कैद गोवंशों के मरने का सिलसिला जारी, नहीं बने गोवंश आश्रय स्‍थल

वाराणसी, जेएनएन। चिरईगाव विकास खंड में छुट्टा पशुओं को रखने के लिए अभी तक गोवंश आश्रय स्थल नहीं बने हैं। इस कारण किसान गोवंशों को विद्यालयों, निजी चारदीवारी वाले भूखंडों में बांध दे रहे हैं। जहां चारा-पानी और छाया का प्रबंधन नहीं किया गया है। जिससे गोवंश मरने भी शुरू हो गये हैं। छितौनी गाव में एक निजी चाहरदीवारी के भीतर 40 से अधिक गोवंश कैद कर रखे गये हैं। उसमें भी सोमवार को एक बछड़ा मृत पड़ा हुआ था।

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बीते रविवार को प्राथमिक विद्यालय मुस्तफाबाद में भी गोवंशों को कैद किया गया था। जिसे देर रात में ही छोड़ दिया गया। गौराकला पंचायत भवन में भी कतिपय ग्रामीणों ने गोवंश अन्दर कर बाहर से गेट बंद कर दिया था। जिसे आज ग्रामप्रधान गौराकलां ने सुबह छुड़वाया। छितौनी में गोवंशों को छोड़ने की सूचना पर ग्रामीण उग्र हो गये। मौके पर उपस्थित सफाईकर्मियों को ग्रामीणों ने दौड़ा लिया और मारने पीटने पर उतर आये। इसकी सूचना बीडीओ,और एडीओ पंचायत को मिली तो मौके पर पहुंच कर किसी प्रकार शात कराया।

ग्राम विकास अधिकारी ने बीडीओ को लिखित रूप में कराया अवगत

छितौनी ग्राम पंचायत में तैनात ग्राम विकास अधिकारी रामअवतार सिंह यादव ने 23 दिसंबर 2019 को बीडीओ को लिखित रूप में घटना के बारे में अवगत कराया है। जिसमें छितौनी गाव में संतोष सिंह की बाउंड्री में 47 निराश्रित पशुओं का होना दर्शाया है। जिसमें से दो की मौत हो गयी है। सफाई कर्मी निराश्रित पशुओं को चारा पानी दे रहे थे, तभी गेट खुल गया और निराश्रित पशु बाहर भागने लगे। कतिपय ग्रामीणों ने सफाईकर्मियों को मारपीट कर घायल कर दिया। इस बावत भी बीडीओ चिरईगाव ने अनभिज्ञता जाहिर की।


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