Anamika Shukla Case: बनारस नहीं आई फिर भी हो गई नियुक्ति, नौ जिले के बीएसए से जवाब-तलब
Anamika Shukla Case नियुक्ति प्रकरण की जांच अब एसटीएफ कर रही है। राज्य परियोजना निदेशक (लखनऊ) विजय किरन आनंद ने नौ जिले के बीएसए से जवाब-तलब किया है।
वाराणसी, जेएनएन। बहुचर्चित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय (केजीबीवी) की तथाकथित शिक्षिका अनामिका शुक्ला की नियुक्ति के प्रकरण की जांच अब स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) कर रही है। वहीं राज्य परियोजना निदेशक (लखनऊ) विजय किरन आनंद ने इस मामले में वाराणसी सहित नौ जिलों के बीएसए से जवाब-तलब किया है। उन्होंने वाराणसी, प्रयागराज, अमेठी, अलीगढ़, अंबेडकर नगर, सहारनपुर, कासगंज, रायबरेली, बागपत जिलों के बीएसए से जिला शिक्षा परियोजना समिति के अध्यक्ष व जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को अनामिका के चयन से संबंधित पत्रावली व समस्त अभिलेख की एक-एक प्रमाणित प्रति सील बंद लिफाफे में तत्काल सौंपने का निर्देश दिया है।
अनामिका को तीन मार्च को जारी किया गया था नियुक्ति पत्र
राज्य परियोजना निदेशक के निर्देश पर बीएसए राकेश सिंह ने अनामिका से जुड़े समस्त अभिलेख सील बंद लिफाफे में देर शाम डीएम व एसएसपी को सौंप दिया है। जनपद में अनामिका को तीन मार्च को नियुक्ति पत्र जारी किया गया था। उसकी नियुक्ति सेवापुरी स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में विज्ञान विषय की पूर्णकालिक शिक्षिका रूप में हुई थी लेकिन उसने जनपद में कार्यभार नहीं ग्रहण किया था। सूबे में एक साथ कई जगह चयनित होने का प्रकरण सामने आते ही जनपद में भी अनामिका के खिलाफ नौ जून को धोखाधड़ी व जालसाजी के आरोप में जंसा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। दूसरी ओर बीएसए ने अनामिका का आवेदन, अंकपत्र की फोटो कापी, नियुक्ति पत्र सहित अन्य पत्रावाली एसटीएफ को भी मेल कर दिया वहीं इस प्रकरण पर आतंरिक जांच भी करा रहे हैं।
मेरिट में सबसे ऊपर थी अनामिका
काउंसिलिंग के दौरान अनामिका बनारस नहीं आईं थी। इसके बावजूद उसे नियुक्ति पत्र जारी कर दिया गया। बताया जाता है कि रिक्त विज्ञान विषय की पूर्णकालिक शिक्षिका के पद पर 53 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। मेरिट में अनामिका सबसे ऊपर थी। नियमानुसार चयन से 24 घंटे के भीतर नियुक्ति पत्र जारी करना अनिवार्य है। इसे देखते हुए चयन समिति ने सशर्त नियुक्ति पत्र जारी किया था। कार्यभार ग्रहण करने से पहले अनामिका को समस्त शैक्षिक अभिलेखों की मूल कापी दिखानी थी लेकिन वह सेवापुरी ब्लाक के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय (केजीबीवी) में कार्यभार ग्रहण करने ही नहीं पहुंची।