आजमगढ़ में विकसित होगा एक इको टूरिज्म स्थल, पार्क में होंगी बेहतर सुविधाएं
वन विभाग द्वारा ईको टूरिज्म पॉलिसी के तहत निजी संस्थाओं के साथ मिलकर जिले में किसी एक स्थान को पर्यटन के नजर से विकसित किया जाएगा।
आजमगढ़, जेएनएन। वन विभाग द्वारा ईको टूरिज्म पॉलिसी के तहत निजी संस्थाओं के साथ मिलकर जिले में किसी एक स्थान को पर्यटन के नजर से विकसित किया जाएगा। वन विभाग 'एक जनपद एक इकोटूरिज्म स्थल' संकल्पना पर स्थानीय लोगों के सहयोग से बिना प्रकृति को नुकसान पहुंचाए पर्यटकों को लुभाएगी और योग्य सुविधाओं को जोड़ा जाएगा।
प्रदेश सरकार ने हर जिले में ईको पार्क के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। इसके तहत आजमगढ़ में भी विभाग द्वारा बहुत ही जल्द ईको पार्क को विकसित करने का काम शुरू हो जाएगा। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने के साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। ईको टूरिज्म के लिए जिन बिदुंओं का मापदंड बनाया गया है, उनमें दर्शनीय स्थल वन के अंदर या नजदीक हो, स्थल के पास वाटर बॉडीज हो, स्थल का ऐतिहासिक व पुरातात्विक महत्व हो। इस पार्क में आम, पीपल, नीम, बरगद, जामुन, अशोक आदि के फल और छायादार पौधे लगाए जाएंगे। सभी पौधे ऐसे होंगे जो हरियाली का अहसास कराएंगे। जनपद के कई पर्यटन स्थलों में ईको टूरिज्म के यह मापदंड पूरे करने की क्षमता है, बस देरी है तो ईको टूरिज्म की शुरुआत करने की।
यह गतिविधियां रहेंगी शामिल :
ईको टूरिज्म के तहत चिन्हित स्थलों पर नेचर कैंप की व्यवस्था की जाएगी। जिसके तहत पर्यटक प्राकृतिक सौंदयर्ता को निहार सके, इसके साथ ही इन्हें इन स्थानों पर रात्रि विश्राम करने का अनूठा अनुभव उपलब्ध हो सके। साथ ही पर्यटक स्थलों के पास मौजूद वाटर बाडीज में बोटिाग की व्यवस्था, मनोरंजन के लिए एडवेंचर खेलों को भी शामिल किया जा सकता है।
जनपद में ईको टूरिज्म पॉलिसी को पूरा करने की सभी संभावनाएं हैं। जनपद के दत्तात्रेय धाम, सिलनी चंद्रमा, दुर्वासा धाम व अवंतिकापुरी ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर ईको टूरिज्म को विकसित किया जा सकता है। ईको टूरिज्म को धरातल पर लाने के लिए प्रयास किए जाएंगे, जल्द ही इस योजना को मूर्त रूप दिया जाएगा। - सुधीर कुमार, डीएफओ, आजमगढ़।
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