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वाराणसी में कोरोना महामारी के बीच वेतन कटौती को लेकर एंबुलेंस कर्मियों का धरना पांचवें दिन भी जारी

वाराणसी के कबीरचौरा स्थित महिला अस्पताल में एंबुलेंस कर्मियों का धरना पांचवें दिन बुधवार को भी जारी है। वेतन कटौती को लेकर ये नाराज हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 10:47 AM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 05:49 PM (IST)
वाराणसी में कोरोना महामारी के बीच वेतन कटौती को लेकर एंबुलेंस कर्मियों का धरना पांचवें दिन भी जारी
वाराणसी में कोरोना महामारी के बीच वेतन कटौती को लेकर एंबुलेंस कर्मियों का धरना पांचवें दिन भी जारी

वाराणसी, जेएनएन। वाराणसी के कबीरचौरा स्थित महिला अस्पताल में एंबुलेंस कर्मियों का धरना पांचवें दिन बुधवार को भी जारी है। बीते 27 जून यानी शनिवार को 108, 102 एएलएस ईएमटी के जीवनदायिनी एंबुलेंस कर्मियों ने वेतन कटौती को लेकर धरना दिया था। एंबुलेंस कर्मी सुनील शुक्ला का कहना था कि मूल वेतन से कम वेतन सभी लोगों को दिया जा रहा है। इसके बाद भी निश्चित समय पर वेतन न मिलने से हम लोग आर्थिक परेशानी से जूझ रहे है। जहां एंबुलेंस कर्मी इस महामारी में मेहनत ईमानदारी से अपने कर्म को अंजाम दे रहे है लेकिन शासन और प्रशासन के द्वारा हम लोगों का शोषण किया जा रहा है। और कुछ अधिकारियों द्वारा वेतन की कटौती की जा रही है। जिसके फलस्वरूप अगर हम लोगों की समस्या का समाधान नहीं किया गया। तो सभी एंबुलेंस कर्मी द्वारा आगे हड़ताल करने के लिए बाध्य हो जाएंगे। एक एंबुलेंस कर्मी ने बताया कि लॉकडाउन के बाद हम लोगों की स्थिति और खराब हो गई है, एेसे में वेतन कटौती उचित नहीं है।

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27 फरवरी को भी दिया था धरना

एंबुलेंस कर्मियों ने 27 फरवरी को भी कबीरचौरा अस्पताल में धरना दिया था। कबीरचौरा महिला अस्पताल के गेट पर एंबुलेंस सेवा 108 और 102 कर्मचारियों ने प्रदर्शन के दौरान जमकर नारेबाजी की थी। कर्मचारियों का आरोप था कि 25 सितंबर 2019 को कंपनी ने श्रमायुक्त के मौजूदगी में कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने का वादा किया था लेकिन 6 महीने के बाद भी कंपनी ने आज तक वेतन नहीं बढ़ाया। कहना था कि यूनियन 108,102 ALS को 29 सितंबर 2019 को लखनऊ में श्रमायुक्त के सामने वेतन बढ़ाने का समझौता किया था लेकिन कंपनी ने आज तक किसी भी कर्मचारी का वेतन नहीं बढ़ाया। कर्मचारियों का कहना था कि कंपनी जितना वेतन देती है उतने में हमारा घर चलाना मुश्किल है। इसके साथ ही जब कंपनी ने श्रमायुक्त के सामने वेतन बढ़ाने की मंजूरी दी थी तो 6 महीने से हमारी वेतन में बढ़ोतरी क्यों नहीं किया गया।


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