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वाराणसी में इस वर्ष देव दीपावली तक सीएनजी में कन्वर्ट हो जाएंगी सभी नावें, पर्यावरण का भी होगा सरंक्षण

वैश्विक महामारी कोरोना के कारण पिछले साल सारे उद्योग-धंधे चौपट हो गए थे। खासकर पर्यटन उद्योग। काशी की चिंता करते हुए पिछले साल खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देव दीपावली पर आकर यहां के पर्यटन उद्योग को संजीवनी प्रदान की थी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 25 Jun 2021 08:50 AM (IST)Updated: Fri, 25 Jun 2021 08:50 AM (IST)
वाराणसी में इस वर्ष देव दीपावली तक सीएनजी में कन्वर्ट हो जाएंगी सभी नावें, पर्यावरण का भी होगा सरंक्षण
वाराणसी में गेल इंडिया लिमिटेड नावों के लिए देश का पहला सीएनजी स्टेशन बनवा रहा है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण पिछले साल सारे उद्योग-धंधे चौपट हो गए थे। खासकर पर्यटन उद्योग। काशी की चिंता करते हुए पिछले साल खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देव दीपावली पर आकर यहां के पर्यटन उद्योग को संजीवनी प्रदान की थी। इस साल भी पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए खिड़किया घाट पर चौतरफा आधुनिक विकास किया जा रहा है। यहां पर गेल इंडिया लिमिटेड नावों के लिए देश का पहला सीएनजी स्टेशन बनवा रहा है। वहीं दूसरा स्टेशन रविदास घाट पर बनाने की योजना बनाई गई है। साथ ही देव दीपावली तक गंगा में डीजल से चलने वाली सभी नावों को सीएनजी में कन्वर्ट करने का लक्ष्य रखा गया है।

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फिलहाल काशी में डीजल से चलने वाली 90 से अधिक नावों को सीएनजी में कन्वर्ट कर लिया गया है। इस इंजन में सीएनजी के साथ ही पेट्रोल टंकी की भी सुविधा होगी ताकि अगर सीएनजी समाप्त होता है तो इमरजेंसी में पेट्रोल नाव का संचालन कर स्टेशन तक पहुंचा जा सके। मालूम हो कि फिलहाल खिड़किया घाट पर गेल का अस्थायी सीएनजी स्टेशन संचालित हो रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसका उद्घाटन 27 फरवरी को केंद्रीय इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने किया था। यह स्टेशन जल परिवहन विभाग की जेटी पर संचालित हो रहा है। हालांकि अब गेल खुद की जेटी भी तैयार करा रहा है ताकि स्थाई सीएनजी स्टेशन बन सके। गेल के सीजीडी इंचार्ज उप महाप्रबंधक गौरी शंकर मिश्रा बताते हैं कि सीएनजी से नाव संचालित करने पर एक तो नाविकों को 50 फीसद तक बचत होगी। वहीं दूसरी ओर पर्यावरण का भी सरंक्षण होगा।

नांव में लगे सिलेंडर की क्षमता 12 किग्रा नांव को डीजल से सीएनजी में कन्वर्ट करने वाली कंपनी दिव्या इंटरप्राइजेज के साइड इंचार्ज नितेश विश्वकर्मा ने बताया कि एक नांव में इंजन व करीब 12 किग्रा की क्षमता वाला सिलेंडर की व्यवस्था है। इससे जल मार्ग में करीब 100 किमी तक सफर तय किया जा सकता है।  गेल इंडिया लिमिटेड के उप महाप्रबंधक गौरीशंकर मिश्रा ने बताया कि फिलहाल नांवों में सीएनजी भरने के लिए अस्थाई स्टेशन चल रहा है। पास में ही स्थायी सीएनजी स्टेशन बनाया जा रहा है। यहां से नांव के साथ ही कार या ऑटों में भी गैस भरने की सुविधा रहेगी। गेल की ओर से जेटी बनाने के लिए डिजाइन तैयार की जा रही है।


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