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दिमागी बुखार को लेकर पूर्वांचल में अलर्ट, बिहार से सटे क्षेत्रों में रोग फैलने की आशंका Varanasi news

बिहार के मुजफ्फरपुर और नजदीकी जिलों में एक्यूट ईंसफेलाईटिस सिंड्रोम (एईएस) यानी दिमागी बुखार अधिक बेकाबू हो रहा है। भीषण गर्मी और उमस के बीच यह रोग तेजी से फैल रहा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 19 Jun 2019 05:54 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jun 2019 08:05 AM (IST)
दिमागी बुखार को लेकर पूर्वांचल में अलर्ट, बिहार से सटे क्षेत्रों में रोग फैलने की आशंका Varanasi news
दिमागी बुखार को लेकर पूर्वांचल में अलर्ट, बिहार से सटे क्षेत्रों में रोग फैलने की आशंका Varanasi news

वाराणसी, जेएनएन। बिहार के मुजफ्फरपुर और नजदीकी जिलों में एक्यूट ईंसफेलाईटिस सिंड्रोम (एईएस) यानी दिमागी बुखार अधिक बेकाबू हो रहा है। भीषण गर्मी और उमस के बीच यह रोग तेजी से फैल रहा है। बिहार से सटे उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के जिलों में भी इस रोग के फैलने की आशंका बनी हुई है। इसे देखते हुए वाराणसी जिले के सभी राजकीय चिकित्सालयों और स्वास्थ्य केन्द्रों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। सीएमओ डा. वीबी सिंह ने इस कहा है कि इस रोग को नियंत्रित करने हेतु जनमानस में दिमागी बुखार के लक्षण और बचाव के बारे में जागरूक किया जाए जिससे बच्चों को इस खतरनाक वायरस से बचाया जा सके।

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मुख्य चिकित्साधिकारी डा. वीबी सिंह ने बताया कि यह बीमारी 10 साल तक के बच्चों को अधिक प्रभावित कर रही है। वहीं पिछले 7-8 सालों मे जिले में दिमागी बुखार से संबन्धित एक भी मरीज नहीं हैं। इसके लिए सभी चिकित्सा इकाइयों को अलर्ट रहने हेतु निर्देश दिया गया है। इस बीमारी से बचाने के लिए बच्चों का पूरा ध्यान रखें, कोई भी लक्षण नजर आयें तो शीघ्र ही नजदीक के अस्पताल में जाएं और डॉक्टर या बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। उन्होंने जनमानस से अपील की है कि जागरुकता फैलाने मे सभी सहयोग करें और अधिक से अधिक लोगों तक इस संदेश को पहुंचाएं जिससे नन्हें नवजात शिशुओं की जान बचाई जा सके।

बीमारी से बचाने के लिए बच्चों को

1- धूप से दूर रखें।

2- बच्चों के शरीर में पानी की कमी न होने दें, बच्चो को खूब पानी पिलाएं।

3- हल्का साधारण खाना खिलाएं, बच्चों को जंक फूड से दूर रखें।

4- खाली पेट लीची न खिलाएं।

5- रात को खाने के बाद थोड़ा मीठा ज़रूर खिलाएं।

6- घर के आसपास पानी जमा न होने दें, कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें।

7- रात को सोते समय मच्‍छरदानी का इस्तेमाल करें।

8- फुल आस्तीन और पूरे बदन का कपड़ा पहनाएं।

9- बासी फल और सब्जियों का सेवन न करें। ताजे फल, सब्जियों का ही सेवन करें।

बच्‍चों में नजर आने वाले लक्षण

1- अचानक तेज बुखार आना।

2- हाथ पैर अकड़ जाना/टाईट हो जाना।

3- बेहोश हो जाना।

4- शरीर का चमकना/शरीर का कांपना।

5- शरीर पर चकत्ता निकलना।

6- ग्‍लूकोज और पानी की शरीर में कमी।  

7- शुगर कम हो जाना।

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